बॉडी को हेल्दी रखने के लिए खाने में ऑयल का सेवन कम से कम करना जरूरी है। खाने में ऑयल का सेवन करने से उसमें फैट की मात्रा बढ़ जाती है जो दिल से लेकर बॉडी तक के लिए खतरा पैदा करती है। भारतीय लोग खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसालों और तेल का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो सेहत के लिए खतरा है। आप जानते हैं कि खाने में इस्तेमाल होने वाले तेल गर्म होने पर अपनी तासीर और प्रवृत्ति को बदल लेते हैं। कुछ तेल ऐसे है अगर उन्हें गर्म किया जाए तो उसमें जहरीले तत्व पैदा हो जाते हैं जो कई गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं।
रिसर्च में ये बात सामने आई है कि अगर वनस्पति तेलों को 180 डिग्री सेल्सियस के स्तर तक गर्म किया जाता है तो उसकी रासायनिक संरचना बदल जाती है। तेल में गर्मी विटामिन ई को विघटित करके तेल की गुणवत्ता को कम करती है।
अगर खाने के तेल को एक से दो बार गर्म किया जाए तो उस तेल का सेवन करने से ब्लड प्रेशर हाई होने का खतरा बढ़ने लगता है। ये तेल एसिडिटी और अपच को बढ़ाता है। खाने में तेल का सेवन पकाकर करने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा अधिक रहता है। तेल गर्म करने पर अधिक कार्सिनोजेनिक बनाता है जो जहर है, ये कैंसर की संभावना को बढ़ाता है। सभी तेल गर्म करने के लिए उपयुक्त नहीं होते इसलिए इसका सेवन कच्चे ही करना चाहिए। कुछ तेल को गैस पर पकाने से उनके पोषक तत्व कम हो जाते हैं और वो सेहत के लिए हानिकारक हो जाता हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे तेल हैं जिनका सेवन सिर्फ कच्चा ही करना चाहिए।
सरसों का तेल
भारतीय व्यंजनों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तेल सरसों का तेल ही है। देश के कई हिस्सों में इस तेल का सेवन खाना पकाने में किया जाता है। पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में इस तेल का सेवन कच्चा ही किया जाता है। सरसों का तेल पोषक तत्वों का पावर हाउस है। इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड होते हैं जो दिल को हेल्दी रखते हैं। कच्चे सरसों के तेल में रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। कच्चा सरसों का तेल स्वाद बढ़ाने वाला होता है, जिसका उपयोग आलू चोखा जैसे व्यंजनों में किया जाता है। सरसों का तेल कच्चा खाएं तो सेहत को ज्यादा फायदा होगा।
मूंगफली का तेल कच्चा ही करें सेवन
मूंगफली का तेल एक ऐसा लोकप्रिय तेल है जो मोनोअनसैचुरेटेड फैट से भरपूर होता है। ये तेल हार्ट फ्रेंडली होता है। इसमें विटामिन ई भरपूर होता है जो शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है। मूंगफली का तेल ओमेगा-6 फैटी एसिड से भी भरपूर होता है जो स्किन को हेल्दी रखता है। ये तेल कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है और दिल को हेल्दी रखता है।
मूंगफली का तेल विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है अगर इसे उच्च ताप पर पकाया जाए तो इसके लाभकारी यौगिक नष्ट हो सकते हैं और अनहेल्दी ट्रांस फैट उत्पन्न होता है। अगर आप इसके पोषक मूल्यों से समझौता नहीं करना चाहते हैं तो इसका सेवन कच्चा ही करें।
नारियल का तेल
नारियल का तेल सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। ये तेल दूसरे तेल की तुलना में गर्मी को बेहतर ढंग से सहन कर सकता है। इसे कच्चा खाने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, ब्रेन की सेहत दुरुस्त रहती है और एनर्जी के स्तर में सुधार होता है। नारियल के तेल में रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं जो इम्यूनिटी को स्ट्रांग करते हैं। एक्सरसाइज से पहले अगर इस तेल का सेवन हर्बल टी के साथ कच्चा किया जाए तो बॉडी को भरपूर ताकत मिलती है।
तिल के तेल का करें कच्चा सेवन
तिल का तेल औषधीय गुणों से भरपूर होता है। ये तेल पाचन को दुरुस्त करता है और बॉडी को हेल्दी रखता है। एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ई और हेल्दी फैट से भरपूर ये तेल कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करते हैं और दिल की हेल्थ में सुधार करते हैं। कोल्ड-प्रेस्ड संस्करण को आदर्श रूप से कच्चा ही खाया जाना चाहिए। इस तेल को गर्म करने से उसके पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। आप सलाद के साथ तिल का तेल डालकर खा सकते हैं। तली हुई सब्जियों, सूप या चावल के व्यंजनों में तिल का तेल मिलाकर सेवन करें बॉडी को भरपूर फायदा होगा।