योग को अक्सर लोग सिर्फ लचीलापन और रिलैक्सेशन से जोड़कर देखते हैं, लेकिन सच यह है कि योग हमारे शरीर के हार्मोन को संतुलित रखने में भी अहम भूमिका निभाता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, गलत खानपान, नींद की कमी और पर्यावरणीय कारणों से हार्मोन असंतुलन एक आम समस्या बनती जा रही है। इसका असर मूड, ऊर्जा, वजन, नींद और पाचन तक पर पड़ता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, कुछ खास योगासन ऐसे हैं, जो एंडोक्राइन सिस्टम को एक्टिव करके हार्मोन को नेचुरली बैलेंस करने में मदद करते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे 5 योगासन के बारे में, जो हार्मोन बैलेंस के साथ-साथ ओवरऑल हेल्थ को भी बेहतर बनाते हैं।
सुप्त बद्ध कोणासन
सुप्त बद्ध कोणासन एक रेस्टोरेटिव योगासन है, जिसमें शरीर पूरी तरह रिलैक्स हो जाता है। यह आसन हिप्स को खोलता है और पेल्विक एरिया में ब्लड फ्लो बढ़ाता है। खासतौर पर महिलाओं में यह मासिक धर्म और रिप्रोडक्टिव हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है। इस आसन से किडनी और पेल्विक क्षेत्र सक्रिय होते हैं, जिससे एस्ट्रोजन हार्मोन का संतुलन बेहतर होता है। साथ ही, यह तनाव को कम करता है, जो हार्मोनल गड़बड़ी का एक बड़ा कारण माना जाता है।
सेतु बंधासन
सेतु बंधासन यानी ब्रिज पोज हार्मोन बैलेंस के लिए बेहद असरदार माना जाता है। इस आसन में छाती खुलती है और गर्दन पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे थायरॉइड ग्रंथि सक्रिय होती है। थायरॉइड हार्मोन हमारे मेटाबॉलिज़्म, ऊर्जा स्तर और वजन को कंट्रोल करता है। इस आसन से पेल्विक एरिया में भी ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे पाचन और प्रजनन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है।
अधोमुख श्वानासन
अधोमुख श्वानासन पूरे शरीर को एक्टिव करने वाला योगासन है। यह आसन दिमाग की पिट्यूटरी ग्रंथि को उत्तेजित करता है, जिसे हार्मोन का कंट्रोल सेंटर कहा जाता है। यह ग्रंथि ग्रोथ, तनाव, रिप्रोडक्शन और अन्य हार्मोन को नियंत्रित करती है। यह आसन तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल को कम करने में मदद करता है और शरीर में ऊर्जा का संचार करता है।
विपरीत करणी
विपरीत करणी यानी दीवार पर पैर टिकाकर किया जाने वाला आसन एक बेहद शांत करने वाला योगासन है। यह नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करता है और पैरासिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम को एक्टिव करता है। इससे तनाव कम होता है, नींद बेहतर होती है और कॉर्टिसोल हार्मोन बैलेंस होता है। यह आसन चिंता, बेचैनी और हार्मोनल मूड स्विंग्स में भी राहत देता है।
उत्कटासन
उत्कटासन यानी चेयर पोज देखने में आसान लगता है, लेकिन यह हार्मोन बैलेंस के लिए काफी असरदार है। इस आसन से एड्रिनल ग्रंथियां सक्रिय होती हैं, जो तनाव से जुड़े हार्मोन जैसे एड्रिनालिन और कॉर्टिसोल बनाती हैं। इससे थायरॉइड और रिप्रोडक्टिव हार्मोन को भी बेहतर ब्लड सप्लाई मिलती है। साथ ही, यह पैरों, कमर और कोर मसल्स को मजबूत करता है।
उत्कटासन कैसे करें
- सीधे खड़े हों, पैरों के बीच थोड़ा अंतर रखें।
- घुटनों को मोड़कर ऐसे बैठें जैसे कुर्सी पर बैठ रहे हों।
- दोनों हाथ ऊपर उठाएं और गहरी सांस लें।
- 30 सेकंड से 1 मिनट तक इस स्थिति में रहें।
निष्कर्ष
हार्मोन बैलेंस के लिए योग कोई एक दिन का उपाय नहीं है, बल्कि नियमित अभ्यास का नतीजा है। रोज 20–30 मिनट योग करने से तनाव कम होता है और शरीर अंदर से संतुलित रहता है।
डिस्क्लेमर
यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
