दिल के रोगों का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और यह बीमारी अब कम उम्र में भी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। खराब खानपान और बिगड़ता हुआ लाइफस्टाइल इसके प्रमुख कारण हैं। दिल की बीमारी अचानक नहीं होती, बल्कि यह धीरे-धीरे कई सालों में विकसित होती है। डाइट में ज्यादा ऑयली और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने से दिल की सेहत प्रभावित होती है। ये फूड्स धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा करते हैं,जिससे आर्टरी में रुकावट पैदा हो जाती है। नतीजा यह होता है कि दिल खून को आसानी से पंप नहीं कर पाता और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

दिल के रोगों से बचाव करना है तो डाइट का ध्यान रखें।  हेल्दी डाइट, ऑयल-फ्री और लो-फैट फूड फूड का सेवन करें। नियमित वॉक और एक्सरसाइज दिल के रोगों से बचाव के लिए जरूरी है। एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर और प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ बिमल झाजर के मुताबिक कुछ योग दिल को हेल्दी रखते हैं और दिल के रोगों से बचाव करते हैं। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि योग से दिल की सेहत में सुधार होता है।

 2004 में मुंबई के क्रूज़ योगा इंस्टीट्यूट में की गई स्टडी में पाया गया कि नियमित योगाभ्यास से कोलेस्ट्रॉल 23% और LDL कोलेस्ट्रॉल 26% तक कम हो सकता है। 2025 में लखनऊ के एसजीपीजीआई में की गई रिसर्च में अनुलोम-विलोम और सेतु बंधासन से कार्डियक आउटपुट और फंक्शन में सुधार पाया गया है। दिल्ली-गुड़गांव में हुई एक मेटा-एनालिसिस में 16 ट्रायल्स का अध्ययन किया गया जिसमें योग से ब्लड प्रेशर, ट्राइग्लिसराइड और एलडीएल में सुधार देखा गया। 2024 में मणिपाल यूनिवर्सिटी की स्टडी ने भी साबित किया कि योग से हार्ट फेलियर के माइल्ड और मॉडरेट केस में सुधार होता है। आइए जानते हैं कि दिल को हेल्दी रखने के लिए कौन-कौन से योग असरदार साबित होते हैं।

ताड़ासन (Mountain Pose)

यह आसन पोस्चर को सुधारता है, स्पाइनल कॉर्ड को ठीक रखता है और सर्कुलेशन बढ़ाता है। इससे नर्वस सिस्टम बेहतर होता है और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जबकि LDL और कुल कोलेस्ट्रॉल कम होता है।

वृक्षासन (Tree Pose)

यह आसन बैलेंसिंग में सुधारता है, नर्वस सिस्टम को शांत करता है और स्ट्रेस व एंग्जायटी को कम करता है। कुछ स्टडी में यह पाया गया है कि इससे कोर्टिसोल लेवल कम होता है और हार्ट रेट वरिएबिलिटी बेहतर होती है, जो दिल की सेहत के लिए बहुत जरूरी है।

भुजंगासन (Cobra Pose)

यह आसन लंग्स और लीवर को बेहतर मूवमेंट देता है और कार्डियक एफिशिएंसी तथा रेस्पिरेटरी फंक्शन को सुधारता है। रिसर्च में पाया गया है कि इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है और ऑक्सीजन स्तर बढ़ता है, जिससे हार्ट डिजीज से रिकवरी में मदद मिलती है।

वीरभद्रासन (Warrior Pose)

यह आसन हार्ट मसल्स को मजबूत करता है और सर्कुलेशन बढ़ता है। कार्डियक रिहैबिलिटेशन ट्रायल्स में पाया गया है कि इससे कार्डियक आउटपुट और वैस्कुलर फंक्शन में सुधार होता है।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Fish Pose)

यह ट्विस्टिंग आसन लीवर और पैंक्रियास को एक्टिव करता है। इससे कोलेस्ट्रॉल और मेटाबॉलिक हेल्थ में सुधार होता है। रिसर्च से पता चला है कि यह मेटाबॉलिक सिंड्रोम और शुगर कंट्रोल में मददगार है।

धनुरासन (Bow Pose)

यह आसन थोड़ा कठिन है और गंभीर हार्ट पेशेंट्स को नहीं करना चाहिए। इसमें बैक को स्ट्रेच किया जाता है जिससे हार्ट मसल्स मज़बूत होते हैं और कार्डियक सर्कुलेशन बेहतर होती है। साथ ही यह पैरासिंपैथेटिक एक्टिविटी को भी बढ़ाता है।

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