7 Powerful Yogasanas to Control Diabetes: मधुमेह केवल शारीरिक समस्या ही नहीं, बल्कि जीवनशैली, विचारों और भावनाओं में असंतुलन का दर्पण है। योग एक पारंपरिक विज्ञान है, जो इस संतुलन को प्राप्त करने का एक अत्यंत सौम्य और प्रभावी तरीका है। सचेत योगाभ्यास रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने, इंसुलिन प्रतिक्रिया को बढ़ाने और तंत्रिका तंत्र को शांत करने में सक्षम है। ये आसन और श्वास व्यायाम नियमित और सचेत रूप से किए जाने पर शारीरिक स्वास्थ्य और भावनात्मक एकता को बढ़ावा देते हैं। अक्षर योग केंद्र के संस्थापक, लेखक, स्तंभकार योग गुरु हिमालयन सिद्ध अक्षर के मुताबिक, 20 मिनट के अभ्यासों में हम विशेष रूप से डायबिटीज से पीड़ित लोगों को लाभ मिल सकता है। इनमें योगासन, प्राणायाम और विश्राम तकनीकों का संतुलित मिश्रण है, जो शरीर और मन दोनों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसमें शामिल आसन अग्न्याशय (Pancreas) को सक्रिय करने में सहायक होते हैं, जिससे इंसुलिन स्राव को स्वाभाविक रूप से संतुलित करने में मदद मिलती है। साथ ही यह विन्यास शरीर के चयापचय (Metabolism) को बढ़ावा देता है, वजन नियंत्रण में सहायता करता है और रक्त शर्करा के स्तर को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है। आइए जानते हैं ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए कौन से योगासन करना लाभकारी हो सकता है…

योग गुरु हिमालयन सिद्ध अक्षर कहते हैं कि योग इस बात पर ज़ोर देता है कि उपचार की प्रक्रिया जागरूक होने से शुरू होती है। हर आसन, हर सांस और हर स्थिरता के साथ, शरीर भी संतुलन सीखता है और मन भी सामंजस्य स्थापित करता है। दैनिक अभ्यास, सचेतनता और आहार संयम के साथ यह 20 मिनट का प्रवाह स्थिर शर्करा स्तर और सामान्य स्वास्थ्य को बनाए रखने में एक सर्व-सार्थक जीवन साथी बन सकता है। संतुलन बनाना कोई ऐसी चीज़ नहीं है जो तुरंत हो जाती है – इसके लिए समय, अभ्यास और आत्म-देखभाल की आवश्यकता होती है।

ब्लड शुगर को कंट्रोल करने से रोजाना करें ये योगासन (Best Yoga For Blood Sugar Control)

अर्ध मत्स्येन्द्रासन (आधा स्पाइनल ट्विस्ट)

इस आसन को मोड़ने से उदर के अंगों, मुख्य रूप से अग्न्याशय और यकृत की मालिश करने में मदद मिलती है, जिससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ती है। यह पाचन में सुधार करता है और ग्लूकोज चयापचय को नियंत्रित करता है।

ऐसे करें अर्ध मत्स्येन्द्रासन

इसे करने के लिए एक पैर छोटा और दूसरा लंबा रखते हुए बैठें। एक हाथ से पीछे खड़े होकर खुद को सहारा दें और रीढ़ की हड्डी को दूसरी तरफ मोड़ लें। सीधे खड़े हो जाएँ और दोनों तरफ 10-15 सेकंड तक गहरी साँस लेते हुए रुकें।

मंडूकासन (मेंढक मुद्रा)

मंडूकासन अग्न्याशय को उत्तेजित करता है और इंसुलिन के स्राव में मदद करता है। यह मधुमेह रोगियों के लिए सबसे उपयोगी आसनों में से एक है।

ऐसे करें मंडूकासन

सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं।। हाथों की मुट्ठियां बांधें और मुट्ठियों को नाभि पर रखें और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। कुछ साँसों तक इसी मुद्रा में रहें और फिर शुरुआती स्थिति में लौट आएँ।

धनुरासन (धनुष मुद्रा)

यह झुकने वाली मुद्रा पूरे शरीर को लम्बा खींचती है और पाचन अंगों को सक्रिय करती है। यह तनाव कम करने और रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद करती है।

ऐसे करें धनुरासन

पेट के बल लेट जाएं, घुटनों को मोड़ें और टखनों को पकड़ें। सांस लेते समय, अपनी छाती और पैरों को ऊपर उठाएं, जैसे कि आप अपने टखनों को घसीट रहे हों। लगातार साँस लेते हुए 15-20 सेकंड तक इसी मुद्रा में रहें।

विपरीत करणी (दीवार के ऊपर पैर)

यह एक आरामदायक और उलटा आसन है जो थकान दूर करने और तंत्रिका तंत्र में संतुलन की भावना लाने के लिए जाना जाता है। यह शरीर के ऊपरी हिस्से में रक्त संचार को बढ़ाता है और हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है।

ऐसे करें विपरीत करणी

दीवार के पास पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को ऊपर उठाएं। अपनी बाहों को शरीर के बगल में आराम दें और 2-3 मिनट तक इसी गति से साँस लें।

डायबिटीज को कंट्रोल करने में अनुलोम विलोम कारगर

वैकल्पिक नासिका श्वास: अनुलोम विलोम प्राणायाम

इस प्राणायाम तकनीक से मस्तिष्क के दाएँ और बाएँ गोलार्ध संतुलित होते हैं, तनाव हार्मोन में कमी आती है और ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

ऐसे करें

दाएं नासिका छिद्र को बंद करें और बाएँ छिद्र से साँस लें, और बाएँ छिद्र से भी। इस वैकल्पिक श्वास को नियमित गति से 5 मिनट तक करते रहें।

शवासन (अंतिम विश्राम)

किसी भी योगाभ्यास का समापन गहन विश्राम में होना चाहिए। शवासन विश्राम मुद्राएँ शरीर को आराम देने, मन को शांत करने और तंत्रिका तंत्र को अभ्यास के प्रभावों को समाहित करने में मदद करती हैं।

ऐसे करें शवासन

अपनी आंखें बंद रखें, पीठ के बल लेट जाएं और अपनी सांसों को स्वाभाविक रूप से प्रवाहित होने दें। 3-5 मिनट तक पूरी तरह स्थिर रहें।

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