हाल ही में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है जो मेडिकल साइंस के मुताबिक दुनिया का पहला केस है। मध्य प्रदेश में रहने वाले 60 साल के बुजुर्ग के मलाशय में 16 इंच की लौकी फंस गई, जिसे डॉक्टरों की एक टीम ने दो घंटे की मशक्कत के लंबे ऑपरेशन के बाद निकाल दिया और मरीज की जान बच गई। खजुराहो के रहने वाले इस किसान की हालत गंभीर थी और उसके पेट में तेज दर्द हो रहा था। टीओआई की खबर के मुताबिक एक्स-रे करने के बाद लौकी बॉडी के पीछे के हिस्से में नजर आई और डॉक्टर ने फोरन ऑब्जेक्ट शब्द का इस्तेमाल किया जिसमें इंटरनल चोट बताई गई। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि लौकी 60 साल के बुजुर्ग के मलाशय में कैसे पहुंची।
मलाशय में मौजूद फॉरेन ऑब्जेक्ट से क्या मतलब है?

अपोलो अस्पताल, हैदराबाद के सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने बताया कि मलाशय में फॉरेन ऑब्जेक्ट कोई नई घटना नहीं हैं। चिकित्सा साहित्य में पहला मामला 16वीं शताब्दी में सामने आया था। डॉ. कुमार ने बताया कि इसका कारण गलत यौन गतिविधि, यौन उत्पीड़न, दुर्घटना, हेरोइन और ड्रग्स का इस्तेमाल और मानसिक स्वास्थ्य समस्या हो सकती हैं।

ऐसे अजीब मामले ज्यादातर  30-40 साल के दो तिहाई पुरुषों में देखने को मिलते हैं। इस पेचीदा परेशानी का इलाज लेप्रोस्कोपिक, एंडोस्कोपिक और न्यूनतम इनवेसिव सर्जिकल विकल्पों की मदद से किया जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक एनोरेक्टल फोरन ऑब्जेक्ट आम तौर पर प्लास्टिक, एल्यूमीनियम या कांच की बोतलों, बैंगन, गाजर या विभिन्न आकार की लकड़ी से बनी चीजें होती हैं।

एस्टर सीएमआई अस्पताल, बेंगलुरु के जनरल, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, लेजर प्रॉक्टोलॉजी, लेप्रोस्कोपिक और बेरिएट्रिक सर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. महेश चिक्की चन्नप्पा ने बताया कि बड़ी वस्तुएं मल के साथ-साथ गैस के मार्ग को भी अवरुद्ध कर सकती हैं, जिससे इमरजेंसी में सर्जरी करना पड़ सकती है। ये वस्तुएं मलाशय के भीतर घाव और रक्तस्राव का कारण बन सकती हैं।

डॉ. कुमार ने बताया कि ज्यादातर मामलों में ये गुदा या मलाशय में दर्द और कब्ज का कारण बनती है। कभी-कभी यह ऑब्जेक्ट मलाशय की दीवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जो एक गंभीर मुद्दा हो सकता है। यह पेरिटोनिटिस (peritonitis) का कारण बन सकता है जहां संक्रमण पेट और उसके कवर में फैलता है। वहां से, संक्रमण शरीर के बाकी हिस्सों में फैल सकता है जिसे सेप्सिस sepsis कहा जाता है जो एक गंभीर स्थिति है।