हाल ही में एक रिपोर्ट में सामने आया है कि दुनियाभर में बीमारियों से होने वाली मौत में टीबी टॉप 10 कारणों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 2011 के आकड़ों के अनुसार विश्व के कुल 84 लाख टी.बी. के मामलों में भारत में 22 लाख मामले पाए गए हैं। वहीं डब्ल्यूएचओ की टीबी रिपोर्ट 2016 में सामने आया है कि भारत में दुनिया के 24 फीसदी टीबी के मामले हैं और इस रोग से हर साल करीब 5 लाख भारतीयों की मौत हो जाती है। बता दें कि टीबी यानि क्षय रोग विभिन्न प्रकार के माइकोबैक्टीरियम के कारण होता है। टीबी आमतौर पर फेफड़ों में फैलता है, पर ये शरीर के अन्य भागों को प्रभावित कर सकता है। टीबी संक्रमण संक्रमित लोगों के खांसने, छींक, या सांस से फैलता है।

हालांकि सरकार टीबी की रोकथाम के लिए देश में जागरुकता अभियान चलाने के साथ मुफ्त दवाइयां, परामर्शन देने का कार्य भी कर रही है। टीबी का इलाज इस पर निर्भर करता है कि आपको किस टाइप का टीबी है। उसके आधार पर आपका इलाज शुरू किया जाता है। टीबी एक ऐसी बीमारी है जो कि धीरे-धीरे आपके शरीर में फैलती रहती है और सामान्य बीमारियों जैसे लक्षण होने की वजह से मरीज इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। आइए आज टीबी डे के मौके पर हम जानते हैं कि इस बीमारी के क्या क्या लक्षण होते हैं और कैसे इसका पता किया जा सकता है।

टीबी होने की पहचान करने का सबसे सही तरीका खांसी है और दो सप्ताह से अधिक लगातार खांसी इसका सबसे अहम लक्षण है। साथ ही इससे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है लेकिन धीरे-धीरे अधिक बढ़ जाती है। इसके साथ साथ मरीज के वजन में एकदम से कमी आने लगती है और भूख नहीं लगती है। वहीं शरीर में थकान सी रहती है और आपको हमेशा थकावट महसूस होती है। तीन हफ्ते से अधिक इन लक्षणों पर ध्यान नहीं देने से टीबी अन्य अंग में भी बढ़ सकता है, जो कि लसीका नोड टीबी, कंकाल टीबी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल टीबी आदि का कारण बन सकते हैं।