2023 World Mental Health Day (WMHD): ब्रेन स्ट्रोक एक ऐसी परेशानी है जिनकी चपेट में युवा तेजी से आ रहे हैं। इस बीमारी के लिए खराब डाइट और बि्गड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। लैंसेट कमीशन की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक ब्रेन स्ट्रोक से 2050 तक हर साल 10 मिलियन लोगों की मौत हो सकती है। 30 सालों में इन मामलों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि और 2.3 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। इस पूर्वानुमानित परिदृश्य में आधे से अधिक मामले ब्रेन में ब्लीडिंग के कारण होंगे न कि ब्लड क्लोथ के कारण। इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण हाई ब्लड प्रेशर और धूम्रपान करना है।

भारत में स्ट्रोक की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है, हर साल लगभग 1.3 मिलियन लोग इससे पीड़ित होते हैं और 9.6 मिलियन लोग इस बीमारी की वजह से होने वाले दुष्ट परिणामों के साथ जी रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक स्ट्रोक से पीड़ित 18 से 42 फीसदी लोगों की एक महीने के अंदर मौत भी हो जाती है।

लैंसेट रिपोर्ट के भारतीय लेखकों में से एक और डॉ. बीएल कपूर अस्पताल में स्ट्रोक टीम के प्रमुख डॉ. एमएम मेहंदीरत्ता का कहना है कि हाई ब्लड प्रेशर, स्मोकिंग, नमक और चीनी का अधिक सेवन इस बीमारी को ट्रिगर करता हैं।

स्ट्रोक के लक्षण

  • स्ट्रोक होने पर तुरंत बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं। चेहरे से लेकर पैर तक इस बीमारी के लक्षण दिखने लगते हैं। चेहरे का सुन्न होना, हाथ या पैर का अचानक सुन्न होना या कमजोरी होना स्ट्रोक के लक्षण हैं।
  • शरीर के एक हिस्से में इस बीमारी के लक्षण दिखते हैं। हाथ से लेकर पैर तक पर लकवा आना भी इस बीमारी का लक्षण हैं।
  • अचानक तेज सिर दर्द होना शामिल है।
  • बोलने में कठिनाई होना आवाज सही नहीं आना।
  • मुंह का टेड़ा होना।

हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक का प्रमुख कारण

रिसर्च के मुताबिक भारत में स्ट्रोक के 30 फीसदी मामलों के लिए हाई ब्लड प्रेशर एक जोखिम कारक है, जबकि 25.5 प्रतिशत मामलों के लिए वायु प्रदूषण एक जोखिम कारक है। हाई ब्लड प्रेशर कई तरह से स्ट्रोक का कारण बनता है। इससे ब्रेन में ब्लड क्लॉट हो सकते हैं और ब्रेन के अंदर की छोटी रक्त वाहिकालों को नुकसान पहुंच सकता है। इससे मस्तिष्क में रक्तस्राव के कारण स्ट्रोक की संभावना अधिक हो सकती है।

स्ट्रोक के कारण होने वाली मृत्यु दर कैसे लगाएं लगाम?

  • स्ट्रोक जैसी घातक बीमारी से बचाव करना है तो क्रॉनिक बीमारियों जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करें।
  • मोटापा सब बीमारियों की जड़ है इसे कंट्रोल करें। मोटापा से बचने के लिए हेल्दी डाइट और नियमित एक्सरसाइज करना जरूरी है।
  • स्ट्रोक से बचाव का सबसे बड़ा उपचार समय पर लक्षण को पहचान कर अस्पताल पहुंचना है। स्ट्रोक के मरीज 4.5 घंटे के अंदर बड़े अस्पताल पहुंचें। जितनी जल्दी हॉस्पिटल जाऐंगे उतना बेहतर होगा।