World Liver Day 2023: लिवर हमारे शरीर का एक जरूर अंग है, जो एक फैक्ट्री की तरह काम करता है यानी लिवर हमारे ढेर सारे काम करता है। जहां एक ओर शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है इसके साथ ही प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल, हार्मोन सहित कई पोषक तत्वों को भी जन्म देता है। इतना ही नहीं लिवर आपके शरीर का एकमात्र अंग है जो पुराने, क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को नए करने के साथ-साथ खुद को दोबारा सही कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि इसका ठीक ढंग से ध्यान रखा जाए, लेकिन आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण अधिकतर लोग फैटी लिवर की समस्या का सामना कर रहे हैं।
लिवर में अधिक वसा होने के कारण उसकी कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ता है। इसके साथ ही वह अधिक मशक्कत करता है। सीधे शब्दों में कहें तो लीवर में अधिक मात्रा में वसा जम जाता है। लिवर में थोड़ी मात्रा में वसा होना नॉर्मल है, लेकिन जब इसकी मात्रा अधिक हो जाती है, तो लिवर का वजन पांच प्रतिशत से अधिक हो जाता है। इसी को फैटी लिवर कहा जाता है। फैटी लिवर को अधिकतर लोग नॉर्मल समस्या समझ कर अनदेखा कर देते हैं, यहीं समस्या आगे चलकर बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है। इस समस्या से बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा भी तेजी से शिकार हो रहे हैं।
हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे (World Liver Day 2023) मनाया जाता है। इस साल की थीम की बात करें, तो वह फैटी लीवर को लेकर ही बनाई गई है। साल 2023 के वर्ल्ड लिवर डे का थीम-‘Be Vigilant, Do Regular Liver Check-Up, Fatty Liver Can Affect Anyone’ यानी सतर्क रहिए और नियमित रूप से लिवर की जांच कराते रहें। क्योंकि फैटी लीवर की समस्या किसी को भी परेशान कर सकती है।
फैटी लिवर की समस्या को लेकर क्यों जरूरी है सतर्कता?
आपके यह बात जानकर शैयाद हैरी होगी कि भारत के एक तिहाई युवा फैटी लिवर की समस्या का सामना कर रहे है इसका मतलब है कि 10 में से चौथा व्यक्ति इस समस्या से परेशान है। यह इस बात का संकेत है कि लोग अपने लीवर के स्वास्थ्य को लेकर कितना ज्यादा सजग है। फैटी लीवर को समय रहते सही नहीं किया गया, तो लिवर सिरोसिस से लेकर लिवर कैंसर तक की समस्या हो सकती है।
किस तरह का फैटी लिवर है ज्यादा खतरनाक?
सबसे पहले इस बात का जानना जरूरी है कि फैटी लिवर दो तरह से होता है अल्कोहलिक और नॉन-अल्कोहलिक।
अल्कोहलिक फैटी लिवर (Alcoholic Fatty Liver Disease)
अल्कोहल के अधिक सेवन से एल्कोहलिक फैटी लिवर विकसित होता है। तो यह समस्या है कि यह कैसे जानें कि आप एल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे हैं। अगर एक पुरुष एक सप्ताह में 10 यूनिट से अधिक शराब का सेवन करना और महिला एक सप्ताह में आठ यूनिट से अधिक शराब का सेवन करती हैं, तो उसे अल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या हो सकती है।
गैर-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease )
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर (NAFLD) हाई ब्लड शुगर, डिसलिपिडेमिया, अधिक वजन या फिर खराब कोलेस्ट्रॉल के कारण होती है। इसके साथ ही खराब लाइफस्टाइल के साथ ऑयली, पैक्ड फूड्स, अधिक मिठाई और रेड मीट का अधिक सेवन करने के कारण हो सकती है। यह लिवर को अधिक नुकसान पहुंचाता है। यह लीवर को इस हद तक नुकसान पहुंचाता है कि इस देश में एक तिहाई वयस्क लीवर ट्रांसप्लांट, लीवर फेल या इसके कारण होने वाले लीवर कैंसर हो सकता है।
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर के लक्षण
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर के लक्षण शुरूआती दौर में नजर नहीं आते हैं। ऐसे में अगर किसी को डायबिटीज,डिसलिपिडेमिया, मोटापा की समस्या के अलावा खराब खानपान, अधिक शराब पीना या फिर नियमित रूप से एक्सरसाइज नहीं करता है, तो उसे फैटी लिवर की समस्या हो सकती है।
- बहुत ज्यादा थकान
पेट में ऊपर की तरफ़ दाईं ओर दर्द - पेट पर सूजन
नसें फूली हुआ नजर आना
हथेलियों में लाली आना
स्किन के रंग का पीला होना
पीलिया
शरीर में पानी का जमाव
उल्टी या मल में रक्त आना
क्या फैटी लीवर का इलाज संभव?
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, अगर प्रारंभिक अवस्था में फैटी लीवर के बारे में पता चल जाएं, तो इसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर इसका पता देर से चलता है, जब लीवर में पहले से ही सूजन हो चुकी होती है या लिवर फेल होने की अंतिम अवस्था में होता है, तो व्यक्ति को लिवर ट्रांसप्लांट का ही सहारा लेना पड़ सकता है।