World Blood Donor Day 2023: खून के बिना हमारा शरीर हड्डियों और मांस का ढांचा है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के शरीर में खून की कमी हो जाती है और समय रहते इस कमी की पूर्ति नहीं हो पाती है, तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। यही वजह है कि दुनियाभर में रक्तदान को ‘महादान’ कहा जाता है। हालांकि, इसे लेकर लोगों की कई अलग-अलग धारणाएं हैं। रक्तदान को लेकर अक्सर लोगों के सवाल होते हैं कि क्या इसके बाद उनका शरीर कमजोर तो नहीं पड़ जाएगा या ब्लड डोनेट करने से वे किसी बीमारी की चपेट में तो नहीं आ जाएंगे? अगर आपके मन में भी ऐसे ही कुछ सवाल हैं, तो आज यानी 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे (World blood Donor Day 2023) के मौके पर इस आर्टिकल के जरिए हम इन तमाम सवालों के जवाब देने जा रहे हैं।

सवाल नंबर 1- क्या ब्लड डोनेट करने से शरीर में कमजोरी आती है?

जवाब है नहीं, रक्तदान करने से शरीर में किसी तरह की कमजोरी नहीं आती है। उल्टा इससे शरीर और स्वस्थ बनता है। डोनेट करने के बाद 24 घंटे के अंदर-अंदर आपकी बॉडी में उतना ही ब्लड वापस बन जाता है। इससे आप पहले से ज्यादा चुस्त दुरुस्त् बनते हैं। बशर्ते आप अपना खान-पानी सही रखें।

सवाल नंबर 2- क्या ब्लड डोनेट करने से बढ़ जाता है बीमारी का खतरा?

अधिकतर लोगों के मन में यह बात होती है कि रक्तदान करने से कोई व्यक्ति बीमारियों के चुंगल में फंस सकता है, ऐसे में बता दें कि यह धारणा बिल्कुल गलत है। रक्तदान करने से ना केवल आप किसी की जान बचा सकते हैं, बल्कि ऐसा कर आप खुद को भी कई बीमारियों से दूर रख सकते हैं।

रक्त दान के फायदे:

आईएचडब्ल्यू काउंसिल के सीईओ कमल नारायण के अनुसार, रक्तदान स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह न केवल दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचाने में मदद करता है बल्कि दाता के लिए स्वास्थ्य लाभ भी हो सकता है। रक्तदान में एचआईवी, हेपेटाइटिस और सिफलिस जैसे विभिन्न संक्रामक रोगों के परीक्षण सहित एक संपूर्ण स्वास्थ्य जांच प्रक्रिया शामिल है। यह स्क्रीनिंग दाताओं को उनके स्वयं के स्वास्थ्य में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती है, जिससे वे किसी भी संभावित स्वास्थ्य समस्याओं का जल्द पता लगा सकते हैं। रक्तदाताओं को भी खुशी और संतुष्टि की अनुभूति होती है जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य बढ़ता है। याद रखें जब हर बूंद मायने रखती है, तो हर दाता मायने रखता है!

पेट की चर्बी होगी कम:

ब्लड डोनेशन से अधिक कैलोरी बर्न होती हैं जो वजन कम करने पर असर करती है। ब्लड डोनेट करने के बाद रेड ब्लड सेल्स का लेवल कुछ महीने में बराबर हो जाता है। वहीं, अगर आप रक्तदान के साथ-साथ नियमित तौर पर एक्सरसाइज करते हैं और हेल्दी डाइट लेते हैं तो यह पेट की चर्बी को पिघलाने का काम करता है और इस तरह खुद को फिट रखा जा सकता है।

हेल्दी रहता है हार्ट:

ब्लड डोनेशन का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे आपका हार्ट हेल्दी रहता है। कई रिसर्ज में दावा किया गया है कि जो लोग रक्तदान करते रहते हैं, उन्हें स्ट्रोक का खतरा कम रहता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, साल में कम से कम एक बार ब्लड डोनेट करने से हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी का खतरा 88 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। खून में आयरन अधिक होने पर हार्ट हेल्थ पर असर पड़ता है, जबकि रक्त दान करने से आयरन की मात्रा बैलेंस रहती है।

कैंसर पर दिखाता है असर:

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जो लोग समय-समय पर रक्तदान करते रहते हैं, उनके शरीर में आयरन बैलेंस रहता है। इससे ब्लड में आयरन का उतना जमाव नहीं हो पाता है और कैंसर का खतरा बहुत कम हो जाता है।

सवाल नंबर 3- किस उम्र में कितने दिनों में कर सकते हैं ब्लड डोनेट?

एक्सपर्ट्स की मानें तो 18 से 60 वर्ष की आयु तक का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति अपना रक्तदान कर सकता है। हर 90 से 120 दिनों के अंदर-अंदर बॉडी में रेड ब्लड सेल्स अपने आप डेड हो जाती हैं और नई सेल्स बनती हैं। ऐसे में एक्सपर्ट्स डॉक्टर हर 3 महीने पर रक्त दान करने की सलाह देते हैं।

सवाल नंबर 4- एक बार में कितना खून लिया जाता है, इससे कितने लोगों की जान बचाई जा सकती है?

रक्तदान के दौरान एक बार में 350 मिलीग्राम खून लिया जाता है। वहीं, एक यूनिट ब्लड से 4 मरीजों को नया जीवनदान दिया जा सकता है। इससे प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, आरबीसी और क्रायो का एक-एक यूनिट मिलता है।

सवाल नंबर 5- रक्तदान से पहले क्या करें?

बता दें कि अगर आप रक्तदान करने जा रहे हैं, तो इससे पहले कुछ हेल्दी खाना बिल्कुल ना भूलें, खाली पेट रक्तदान ना करें। रक्तदान के आधे घंटे पहले तंबाकू सिगरेट या शराब का सेवन न करें। इसके अलावा पर्यापत नींद और आराम भी जरूर करें।

सवाल नंबर 6- किन्हें नहीं करना चाहिए ब्लड डोनेट?

  • गर्भवती महिलाएं को
  • एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को
  • किडनी रोग, डायबिटीज, अस्थमा और पीलिया पीड़ितों को
  • एनीमिया कैंसर और टीबी के मरीजों को
  • हर महीने टैटू, कान छेदन या एक्यूपंचर कराने वालों को
  • इन सबके अलावा अगर आपने महीने में किसी भी प्रकार का टीकाकरण कराया हो, तो भी आपको रक्त दान नहीं करना चाहिए

सवाल नंबर 7- रक्तदान से पहले कौन-कौन से टेस्ट होते हैं?

रक्तदान से पहले डोनर के पांच टेस्ट किए जाते हैं। इनमें एचआईवी, मलेरिया, पीलिया, हेपेटाइटिस ए और गुप्त रोग शामिल हैं।