World Asthma Day 2024 Date: अस्थमा सांस से जुड़ी हुई एक गंभीर समस्या है, जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। परेशानी की बात यह है कि अक्सर सतर्कता के अभाव में इस बीमारी के कई गंभीर परिणाम सामने आते हैं। इसी कड़ी में लोगों के बीच इस बीमारी के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से हर साल मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day) मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि गंभीर बीमारी का कारण, साथ ही जानेंगे अस्थमा से बचाव के कुछ तरीकों के बारे में-
क्या है अस्थमा?
इस सवाल का जवाब देते हुए श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के सीनियर कंसल्टेंट, प्लूमोनोलॉजी डॉक्टर अनिमेष आर्या ने बताया कि अस्थमा फेफड़ों को प्रभावित करने वाली बीमारी है, जिसकी शुरुआत सांस की नली में सूजन के साथ होती है। वहीं, लंबे समय तक सूजन बने रहने पर सिकुड़न पैदा हो जाती है और सांस की नली में अतिरिक्त बलगम जमा होने लगता है। इस स्थिति में पीड़ित को सांस लेने में समस्या होने लगती है, साथ ही लगातार गंभीर खांसी और सीने में जकड़न की परेशानी बनी रहती है।
डॉ. आर्या के मुताबिक, वैसे तो ये समस्या किसी भी उम्र के लोगों में विकसित हो सकती है लेकिन ज्यादातर बच्चे इस बीमारी से आसानी से प्रभावित हो जाते हैं। ऐसे में खासकर बच्चों में लगातार होने वाली खांसी को नजरअंदाज न करें, समय रहते इसकी जांच कराएं क्योंकि लंबे समय तक बीमारी के बने रहने से ये अनियंत्रित हो सकती है।
किन कारणों से होता है अस्थमा?
इसे लेकर धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल, दिल्ली के सीनियर कंसल्टेंट, पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन डॉ. नवनीत सूद ने बताया, अस्थमा की बीमारी के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य कारणों में प्रदूषण के संपर्क में रहना, अधिक धूम्रपान करना, लंबे समय तक रेस्पिरेटरी इंफेक्शन या वायरल संक्रमण से प्रभावित होना, अधिक तनाव और मोटापा आदि शामिल हैं। इससे अलग अगर आपके परिवार में पहले भी लोग इस बीमारी से प्रभावित रहे हैं, तो भी आपके अस्थमा की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है।
डॉ. सूद बताते हैं कि अस्थमा की रोकथाम के लिए इस बीमारी के कारणों को समझना सबसे अधिक जरूरी हो जाता है।
कैसे करें अस्थमा के लक्षणों की पहचान?
इस गंभीर बीमारी के लक्षणों को लेकर बात करते हुए नारायणा हेल्थ, आर.एन टैगोर हॉस्पिटल में कंसल्टेंट – पल्मोनोलॉजी डॉ. सुजान बर्धन ने बताया, ‘अस्थमा के लक्षण सभी व्यक्तियों में एक जैसे नहीं होते हैं। अलग-अलग व्यक्तियों में लक्षण भी अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों के लिए यह एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, जबकि अन्य लोगों के लिए यह एक गंभीर परेशानी बरकर उभर सकती है। हालांकि, सामान्य रूप से अस्थमा होने पर सबसे पहले व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होना और सीने में जकड़न महसूस होना जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इसके अलावा बलगम वाली खांसी, गंभीर स्थिति में खांसी के दौरे आना और सोने में समस्या होना जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं। वहीं, बच्चों में सांस छोड़ते समय घरघराहट होना अस्थमा का एक सामान्य लक्षण है। बीमारी से बचाव के लिए लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है।’
क्या है बचाव के तरीके?
इस सवाल का जवाब देते हुए नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम की सीनियर कंसल्टेंट, पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप मेडिसिन, डॉ. श्वेता बंसल ने बताया, अस्थमा की बीमारी को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है। हालांकि, एक अच्छी बात यह है कि सावधानी, बचाव और नियंत्रण के माध्यम से इस बीमारी के प्रभाव को काफी कम किया जा सकता है।
बरतें ये सावधानी
- डॉ. श्वेता बताती हैं, अस्थमा के रोगी अच्छी सेहत के लिए सबसे पहले अपने आसपास साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। धूल, मिट्टी और धुएं से बचें।
- फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए नियमित रूप से योग व्यायाम और वॉकिंग के साथ पौष्टिक भोजन को प्राथमिकता दें।
- अधिक तेल और ठंडी चीजों के सेवन से बचें।
- धूम्रपान न करें।
- खासकर बाहर मास्क पहनकर निकलें और यात्रा के दौरान अपना इनहेलर साथ रखें।
- अधिक भाग दौड़ वाले कामों से बचें।
- अपनी दवाइयों को सही समय से लें और नियमित रूप से डॉक्टर के संपर्क में रहें।
इन सभी सावधानियों और संतुलित जीवनशैली के माध्यम से अस्थमा के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।