आजकल बड़ी संख्या में लोग नाइट शिफ्ट में काम करते हैं। आईटी, हेल्थकेयर, मीडिया और कॉर्पोरेट सेक्टर में देर रात तक काम करना सामान्य हो गया है, लेकिन एक्सपर्ट के अनुसार नाइट शिफ्ट में काम करने की यह आदत शरीर की सर्केडियन रिदम यानी प्राकृतिक बायोलॉजिकल घड़ी को बिगाड़ देती है, जिसके चलते हार्मोनल असंतुलन होता है, जो न सिर्फ प्रेग्नेंसी को प्रभावित करता है बल्कि प्रजनन क्षमता भी घटा सकता है।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, द्वारका की ऑब्सटेट्रिशियन और गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. यशिका गुडेसर के मुताबिक, देर तक काम करने के चलते अनियमित नींद, तनाव और लाइफस्टाइल की वजह से महिलाओं को मासिक धर्म में गड़बड़ी, ओव्यूलेशन की समस्या और गर्भावस्था में कॉम्प्लिकेशन का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, हेल्दी लाइफस्टाइल और सही खानपान से फर्टिलिटी को इंप्रूव करने के साथ-साथ स्वस्थ रहा जा सकता है।
नाइट शिफ्ट के कारण क्यों घटती है फर्टिलिटी
- नींद का पैटर्न बिगड़ने से हार्मोन संतुलन प्रभावित होता है।
- लगातार जागने से ओव्यूलेशन और पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं।
- तनाव और थकान का सीधा असर गर्भधारण की क्षमता पर पड़ता है।
- लंबे समय तक नाइट शिफ्ट करने से गर्भावस्था के दौरान कॉम्प्लिकेशन का खतरा बढ़ सकता है।
पर्याप्त नींद लें
नाइट शिफ्ट करने से शरीर की स्लीप-वेक साइकिल बिगड़ जाती है, जिससे अच्छी नींद लेना मुश्किल हो जाता है। इसलिए दिन में सोते समय माहौल को आरामदायक बनाना जरूरी है। ऐसे में ब्लैकआउट पर्दे का इस्तेमाल करें, कानों में ईयर प्लग लगाएं, व्हाइट नॉइज मशीन या हल्का संगीत चलाएं अच्छी और गहरी नींद हार्मोन संतुलन बहाल करने और फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करती है।
डेली रूटीन सही बनाएं
लगातार बदलते शिफ्ट टाइमिंग शरीर को और ज्यादा अस्थिर कर देते हैं। कोशिश करें कि सोने और काम करने का शेड्यूल स्थिर रखें। रोजाना एक ही समय पर सोएं और उठें, रूटीन फिक्स करने से मासिक चक्र और ओव्यूलेशन नियमित रहता है, इससे शरीर धीरे-धीरे नई स्थिति के अनुसार ढल जाता है।
पोषण और हाइड्रेशन पर ध्यान दें
फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी है। आहार में ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें, पर्याप्त पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेटेड रखें, कैफीन और प्रोसेस्ड फूड का सेवन सीमित करें। इसके साथ ही हेल्दी डाइट हार्मोन को संतुलित रखती है और प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ाती है।
तनाव को करें मैनेज
रात में काम करना मानसिक तनाव को बढ़ा देता है, जिसका असर हार्मोन और प्रजनन क्षमता पर पड़ता है। ऐसे में मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग का अभ्यास करें, योग और हल्की एक्सरसाइज को डेली रूटीन में शामिल करें, रिलैक्सेशन तकनीक अपनाकर मानसिक संतुलन बनाए रखें और तनाव कम करने से हार्मोनल असंतुलन भी कंट्रोल होता है।
जरूरत पड़ने पर एक्सपर्ट की सलाह लें
अगर लंबे समय तक प्रयास करने के बाद भी गर्भधारण न हो पाए, तो फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से संपर्क करें।
वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।