उम्र बढ़ने के साथ-साथ हेल्थ जोखिम भी बढ़ने लगते हैं। 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं की बॉडी में कई तरह के बदलाव आते हैं। इस उम्र में हॉर्मोन में बदलाव तेजी से आता है, मेटाबॉलिज्म स्लो होने लगता है, कोलेजन का स्तर घटने लगता है जिसका सीधा असर स्किन पर दिखता है। इतना ही नहीं बोन डेंसिटी कम होने लगती है और मांसपेशियां कमजोर होने लगती है। इस उम्र में हॉर्मोनल बदलाव मेंटल हेल्थ और मूड स्विंग की समस्या पैदा कर सकता है।
इस उम्र में महिलाओं और पुरुषों दोनों में हार्मोनल बदलाव, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, वजन बढ़ना और तनाव जैसी समस्याएं सामान्य हो जाती हैं, जो दिल पर सीधा असर डालती हैं। खासतौर पर महिलाओं में मेनोपॉज़ के करीब आते-आते एस्ट्रोजन का स्तर गिरता है, जो दिल की हिफाजत करता था, इसके कम होते ही हार्ट डिज़ीज़ का खतरा बढ़ने लगता है। बढ़ती उम्र में बॉडी को डिजीज फ्री रखना चाहती हैं तो आप नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तनाव को कंट्रोल करें। कुछ हेल्थ चेकअप इस उम्र में कराना जरूरी है जिससे दिल की सेहत का ध्यान रखा जा सके। ये तरीके अपनाकर आप उम्र बढ़ने पर न केवल दिल की बीमारियों से बच सकते हैं, बल्कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ अपनी एनर्जी और सेहत को भी बनाए रख सकती हैं।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक महिलाओं को इस उम्र में अपने दिल की सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए। कुछ टिप्स अपनाकर महिलाएं अपने दिल की सेहत को मिडिल ऐज में भी दुरुस्त कर सकती हैं। आइए जानते हैं कि दिल को हेल्दी रखने के लिए इस उम्र में महिलाएं लाइफस्टाइल और खानपान में कौन-कौन से बदलाव कर सकती हैं।
बॉडी को एक्टिव रखें
नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि दिल को मजबूत बनाती है, ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करती है और वजन को कंट्रोल करने में मदद करती है। महिलाओं को हफ्ते में कम से कम पांच दिन, रोज़ाना 30 मिनट तक मध्यम स्तर की एक्सरसाइज़ जैसे तेज़ चलना, तैराकी या साइकल चलाना चाहिए। रेगुलर एक्सरसाइज ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में, खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और तनाव घटाने में भी मदद करती है जो सभी दिल की सेहत के लिए जरूरी हैं।
हार्ट फ्रेंडली डाइट का करें सेवन
दिल के लिए फायदेमंद डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दालें, मेवे और हेल्दी फैट जैसे ऑलिव ऑयल और ओमेगा-3 फैटी एसिड को शामिल करें। सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट और प्रोसेस्ड फूड कम करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है और आर्टरी ब्लॉकेज से बचाव होता है।
अच्छी नींद भी है जरूरी
खराब नींद या अनिद्रा जैसी समस्याएं ब्लड प्रेशर और स्ट्रेस बढ़ाने वाले हार्मोन को बढ़ा सकती हैं, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता है। मिडिल एज महिलाओं को रोज़ाना 7–8 घंटे की अच्छी नींद और तय समय पर सोने की आदत रखनी चाहिए।
तनाव को कंट्रोल करें
लगातार तनाव में रहने से सूजन और कॉर्टिसोल हॉर्मोन बढ़ता है, जो दिल की सेहत के लिए खतरा होता है। तनाव कंट्रोल करने के लिए योग करें, ध्यान करें, गहरी सांसें लें नेचर के साथ समय बिताएं। मानसिक संतुलन भी दिल की सेहत के लिए जरूरी है।
नमक और चीनी का सीमित सेवन करें
अधिक नमक ब्लड प्रेशर बढ़ाता है और ज़्यादा चीनी वजन व इंसुलिन रेजिस्टेंस का कारण बनती है। प्रोसेस्ड स्नैक्स, मीठे ड्रिंक और बाहर के खाने से दूरी बनाकर रखें।
बॉडी हाइड्रेट रखें और वजन कंट्रोल रखें
पर्याप्त पानी पीने से ब्लड सर्कुलेशन और अंगों का काम बेहतर होता है। संतुलित भोजन और नियमित एक्सरसाइज करने से वजन कंट्रोल रहता है और दिल पर दबाव कम होता है। इन तरीकों को अपनाकर आप डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा भी टाल सकती हैं।
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