महिलाएं घर परिवार की रीढ़ की हड्डी हैं जो पूरे परिवार को अपने दम पर थामे रखती हैं। सबको पालने वाली महिलाएं खुद ही अपनी सेहत को नजरअंदाज करती हैं। महिलाओं की शारीरिक और मानसिक स्थिति में जिंदगी भर बदलाव आते रहते हैं। 14 साल की उम्र से ही हार्मोनल चेंजेस शुरु हो जाते हैं जो हर उम्र में अलग-अलग तरीके से जोर पकड़ते हैं। महिलाएं अपनी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए रोजाना हेल्दी डाइट का सेवन करें, बॉडी को एक्टिव रखें, पूरी नींद लें, मानसिक स्थिति में सुधार करें और बॉडी के लिए जरूरी हेल्थ चेकअप कराएं।
महिलाओं के लिए 40 साल की उम्र के बाद कुछ टेस्ट कराना बेहद जरूरी हैं। अगर वो इस उम्र में कुछ खास टेस्ट करा लेती हैं तो ये टेस्ट उनके सुरक्षित भविष्य का जीवन बीमा साबित होते है।
कैंसर हीलर सेंटर के मैनेजिंग डायरेक्टर Dr Tarang Krishna ने बताया हर महिला को अपनी 40 साल की उम्र में अपनी सेहत को लेकर सतर्क होना चाहिए। उसे इस उम्र में 6 जरूरी टेस्ट जरूर कराना चाहिए। इन टेस्ट के बारे में हर किसी को जानकारी नहीं है लेकिन ये टेस्ट महिलाओं की लम्बी और हेल्दी जिंदगी की जानकारी दे सकते हैं। इन टेस्ट की मदद से आप भविष्य में होने वाली जानलेवा बीमारियों से बच सकते हैं। ये टेस्ट उम्र, जीवनशैली और स्वास्थ्य के जोखिम के आधार पर बदल सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि 6 ऐसे जरूरी कौन से टेस्ट हैं जिन्हें हर महिला को 40 साल की उम्र में जरूर कराना चाहिए।
40 साल के बाद महिलाएं Complete Blood Count कराएं
सीबीसी (Complete Blood Count) टेस्ट एक सामान्य ब्लड टेस्ट है जो बॉडी में होने वाली स्वास्थ्य समस्या का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए ब्लड के विभिन्न घटकों की संख्या और स्तर की जांच की जाती है। इस टेस्ट में रेड ब्लड सेल्स(RBC), सफेद ब्लड सेल्स (WBC), प्लेटलेट्स, और हीमोग्लोबिन की जांच की जाती है। सीबीसी टेस्ट शरीर की समग्र स्थिति को समझने में मदद करता है।
Liver Function Test (LFT) कराएं
एलएफटी (Liver Function Test) एक ब्लड टेस्ट है जिसका उपयोग लिवर की कार्यप्रणाली और स्थिति को समझने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए लीवर की कार्यप्रणाली की जांच,पीलिया, लीवर में सूजन, लिवर में गाठें या कैंसर का पता लगाया जाता है।
Kidney Function Test (KFT) कराएं
केएफटी (Kidney Function Test) एक ब्लड टेस्ट है जिसका इस्तेमाल किडनी की कार्यप्रणाली और स्थिति की जांच करने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए किडनी के कार्य को समझने के लिए महत्वपूर्ण तत्वों और रासायनिक पदार्थों के स्तर की जांच की जाती है, जिनसे यह पता चलता है कि किडनी ठीक से काम कर रही हैं या नहीं।
CA15-3 टेस्ट कराएं
CA 15-3 टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है जो ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने और उसकी निगरानी करने के लिए किया जाता है। CA 15-3 एक प्रकार का ट्यूमर मार्कर है, जो स्तन कैंसर समेत कुछ अन्य कैंसरों के मामलों में ब्लड में उच्च स्तर पर पाया जा सकता है। यह टेस्ट आमतौर पर स्तन कैंसर के उपचार के बाद रोग की स्थिति की निगरानी करने के लिए किया जाता है, लेकिन यह किसी अन्य कैंसर का संकेत भी हो सकता है।
Carcinoembryonic Antigen Test टेस्ट कराएं
CEA टेस्ट(Carcinoembryonic Antigen Test) एक ट्यूमर मार्कर टेस्ट है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के कैंसर के लिए किया जाता है। यह टेस्ट शरीर में CEA नामक प्रोटीन के स्तर को मापता है, जो सामान्य रूप से गर्भावस्था के दौरान विकसित होता है, लेकिन कुछ कैंसर में यह प्रोटीन उच्च स्तर पर पाया जा सकता है। CEA को एक कैंसर मार्कर के रूप में पहचाना जाता है और इसका स्तर कुछ प्रकार के कैंसर में बढ़ सकता है।
CA 125 टेस्ट कराएं
CA 125 एक ट्यूमर मार्कर है जिसका उपयोग ओवेरियन कैंसर के निदान और उसकी निगरानी के लिए किया जाता है। यह एक प्रकार का प्रोटीन है जो रक्त में पाया जाता है और खासकर ओवेरियन कैंसर के मरीजों में इसके स्तर में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, CA 125 का स्तर अन्य परिस्थितियों में भी बढ़ सकता है, इसलिए इसे अकेले कैंसर का निदान करने के लिए नहीं लिया जाता।
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