सर्दी में यूरीन इंफेक्शन की परेशानी बहुत लोगों को परेशान करती है। सर्दी में पानी का कम सेवन करना,वर्किंग प्लेस पर गंदे टॉयलेट होना,लम्बे समय तक यूरीन को रोक कर रखना यूरीनरी ट्रेक इंफेक्शन (UTI) के कारण बनते हैं। ये इंफेक्शन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है। सर्दी में UTI का खतरा अधिक रहता है। इस मौसम में पानी का कम सेवन इस इंफेक्शन को बढ़ा देता है। सर्दी में प्यास कम लगती है जिससे बॉडी में डिहाइड्रेशन बढ़ जाती है और यूटीआई इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। यूरीन इंफेक्शन के लक्षणों की बात करें तो इसमें सबसे पहले पेशाब करने के साथ जलन की परेशानी होती है। यूरीन में बदबू आना,पेट में दर्द होना, यूरीन पास करते समय दर्द होना,बुखार आना और यूरीन के रंग में बदलाव होना यूटीआई के लक्षण हो सकते हैं।

सहयाद्री हॉस्पिटल पूणे में कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट एंड इंडोक्राइनॉलिस्ट डॉक्टर योगेश काजे ने बताया कि इस संक्रमण का पता लगाने के लिए एक सिंपल टेस्ट Urine culture test कराया जाता है। इस टेस्ट की रिपोर्ट दो से तीन दिनों में आती है जिसके अधार पर डॉक्टर इलाज करते हैं। सर्दी में इस इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है।

सर्दी में लोग पानी का सेवन कम करते हैं जिससे बॉडी में पानी की कमी होने लगती है। पानी की कमी होने से किडनी को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता और वो ठीक से बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकालने में नाकामयाब रहती है। डिहाइड्रेशन से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, किडनी स्टोन और किडनी फेलियर तक का खतरा बढ़ने लगता है।

पुरुषों में यूटीआई की परेशानी प्रोस्टेट ग्रंथि फूलने की वजह से होती है। इस ग्रंथि के फूलने से पेशाब पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाता और अंदर रह जाता है। पेशाब में मौजूद बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ता जाता है। सर्दी में आप भी इस संक्रमण से बचाव करना चाहते हैं तो कुछ खास उपायों को अपनाएं।

सर्दी में UTI से कैसे करें बचाव

  • सर्दी में UTI से बचाव करना चाहते हैं तो पानी का अधिक से अधिक सेवन करें। पानी का अधिक सेवन करने से बॉडी हाइड्रेट रहती है और किडनी फंक्शन दुरुस्त रहता है। आप सर्दी में भी दिन भर में दो लीटर पानी का सेवन करें। पानी का सेवन आप गुनगुना करके कर सकते हैं।
  • महिलाएं समय-समय पर यूरीन को डिस्चार्ज करें। पेशाब को रोकने से इस इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है इसलिए पेशाब को नहीं रोकें।
  • वजाइना की सफाई का खास ध्यान रखें। वजाइना की सफाई आगे से पीछे की तरफ करें।
  • वजाइना की सफाई करने के लिए आप केमिकल बेस्ड प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं करें। वजाइनल वॉश का इस्तेमाल वजाइनल इंफेक्शन को बढ़ा सकता है।
  • पीरियड के दौरान वजाइना की सफाई का खास ध्यान रखें। सैनिटरी पैड का इस्तेमाल लम्बे समय तक नहीं करें।
  • अंडरगार्मेंट का इस्तेमाल सावधानी से करें। कॉटन के अंडर गार्मेंट का ही इस्तेमाल करें।
  • डाइट में विटामिन सी से भरपूर फूड्स जैसे संतरा,कीवी और खट्टे फलों का सेवन करें। विटामिन सी से भरपूर फूड इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करेंगे और बॉडी को हेल्दी रखेंगे।