गर्मी का मौसम डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी चैलेंजिंग साबित होता है। इस मौसम में डाइट से लेकर बॉडी एक्टिविटी तक बदल जाती है जिसका सीधा असर ब्लड में शुगर के स्तर पर पड़ता है। डायबिटीज एक ऐसी क्रॉनिक बीमारी है जो भोजन को ऊर्जा में बदलने की शरीर की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। जब हम भोजन का सेवन करते हैं, तो शरीर इसे ग्लूकोज में तोड़ देता है और बाद में रक्तप्रवाह में छोड़ देता है और ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है।

पैंक्रियाज एक ऐसा ग्लैंड है जो इंसुलिन का निर्माण करता है। पैंक्रियाज के दो काम है एक पाचन में मदद करता है और दूसरा ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना। डायबिटीज के मरीजों में या तो अपर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन होता है या पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देता है जिसकी वजह से ब्लड में शुगर का स्तर हाई होने लगता है।

गर्मी में क्यों तेजी से बढ़ता है ब्लड शुगर?

पेन के पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोध में लगभग 3 मिलियन रोगियों का अध्ययन किया। अध्ययन में शामिल लोगों की भौगोलिक स्थिति अलग-अलग थी। अध्ययन में पाया गया कि बहुत अधिक और बहुत कम तापमान टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में जोखिम बढ़ाता है। डायबिटीज के मरीजों पर तापमान का असर तीन गंभीर स्थितियां जैसे हाइपोग्लाइसीमिया,मधुमेह केटोएसिडोसिस और कार्डियक अरेस्ट का खतरा पैदा कर सकता है।

मणिपाल हॉस्पिटल, ओल्ड एयरपोर्ट रोड, बैंगलोर में डायबिटीज़ एंड एंडोक्रिनोलॉजी,कंसल्टेंट,डॉ अदिति चोपड़ा ने सहमति जताते हुए कहा कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए गर्मी का मौसम चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि उन्हें कई कारणों से अपने रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। गर्मी में डायबिटीज के मरीजों को तेजी से डिहाइड्रेशन की परेशानी होती है जिससे ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ सकता है। गर्मी में डायबिटीज के मरीज पेशाब ज्यादा करते हैं,पसीना ज्यादा आता है जिससे उनकी बॉडी में पानी की कमी होने लगती है और शुगर का स्तर हाई होने लगता है।

गर्मी में नर्व्स डैमेज का खतरा रहता है अधिक:

एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज की बीमारी कुछ लोगों में स्वैट ग्लैंड सप्लाई करने वाली नसों को नुकसान पहुंचा सकती है जिससे पसीना कम आता है। ये परेशानी खासतौर पर गर्मी में होती है। गर्मी में इस परेशानी की वजह से बॉडी आसानी से ठंडी नहीं हो पाती और गर्मी में हीट इग्ज़ॉस्चन का खतरा बढ़ जाता है।

अधिक तापमान इंसुलिन उत्पादकता को करता है प्रभावित:

गुरुग्राम के नारायणा सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, डॉ मंजीता नाथ दास ने कहा कि गर्मी में इन जटिलताओं के अलावा इंसुलिन के उत्पादन पर भी असर पड़ता है। ज्यादा गर्मी इंसुलिन और डायबिटीज की दवाओं के स्टोरेज को भी प्रभावित करती है। बीएमजे जर्नल्स में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक जब उच्च तापमान पर डायबिटीज की दवाओं को संग्रहीत किया जाता है, तो इंसुलिन की प्रभावकारिता तेजी से घट सकती है।