कुछ लोगों का पाचन सिस्टम इतना बिगड़ा हुआ होता है कि वो जो भी कुछ खाते हैं उसे खाने के तुरंत बाद ही पेट में प्रेशर बनने लगता है। आमतौर पर जिन लोगों का पाचन इस तरह का होता है वो दिन में 3-4 बार टॉयलेट जाते हैं। कभी-कभी दिन में 3-4 बार टॉयलेट जाना कोई परेशानी नहीं है लेकिन अगर ये समस्या रोज़ होती है तो संभल जाइए। ये परेशानी आपके खराब पाचन और लीवर में खराबी होने के संकेत हो सकते हैं।
खाना खाने के बाद तुरंत पॉटी आनी की परेशानी को गैस्ट्रो-कॉलिक रिफलक्स (Gastrocolic Reflex) कहते हैं। अब सवाल ये उठता है कि क्या इस परेशानी की वजह से खाना खाने के बाद भोजन बिना पचे शरीर से बाहर निकल जाता है? एक्सपर्ट के मुताबिक जो भी वेस्ट खाने के बाद बॉडी से बाहर निकलता है वो 18-24 घंटे पहले का होता है। जो हम खाते है वो तुरंत बाहर नहीं आता।
सर गंगाराम अस्पताल में इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पेनक्रिएटिक बिलीएरी साइंसेज के कंसल्टेंट डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी (Dr. Shrihari Anikhindi) ने बताया है कि अक्सर देखा गया है कि ये समस्या उन लोगों को ज्यादा आती है जो शुरुआत में लंबे समय तक स्टूल को रोक कर रखते हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक इस परेशानी के लिए हमारा खान-पान जिम्मेदार है। हैवी फूड्स का सेवन करने से गैस्ट्रो-कॉलिक रिफलक्स की परेशानी बढ़ने लगती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि इस परेशानी से बचने के लिए हमारी डाइट कैसी होनी चाहिए।
- खाने में घी और मसालेदार चीजों से परहेज करें:
- अगर आपको खाने के तुरंत बाद शौच जाना पड़ता है तो आप घी और मसालेदार चीजों से परहेज करें। चटपटी,मसालेदार,खटाई वाली चीजें पाचन को बिगाड़ सकती है उनका सेवन कम करें।
- जिन लोगों को गैस्ट्रो-कॉलिक रिफलक्स की परेशानी होती है वो बेसन से बनी चीजों का सेवन नहीं करें। बेसन का सेवन करने से गैस की समस्या बढ़ सकती है।
- जंक फूड्स और ड्राई फूड्स का सेवन करने से परहेज करें। ये फूड्स आपके पाचन के लिए ठीक नहीं हैं। बैकरी फूड्स से परहेज करें।
किन फूड्स का सेवन करें:
- सुपाच्च भोजन का सेवन करें। अनाज में आप चावल और गेहूं का सेवन करें।
- सब्जियों की बात करें तो आप लौकी, तोरई, परवल, टिंडे, पेठा का सेवन करें। ये सब्जियां हल्की होती है इनका सेवन करें गैस्ट्रो-कॉलिक रिफलक्स की परेशानी से मुक्ति मिलेगी।
- फ्रूट्स में आप अमरूद,पपीता और सीताफल का सेवन करें। चीकू, केला और संतरा भी आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
- खान-पान में बदलाव करके आप आसानी से गैस्ट्रो-कॉलिक रिफलक्स की समस्या का इलाज कर सकते हैं।