डायबिटीज एक ऐसी हेल्थ प्रॉब्लम है जिसमें शरीर में ब्लड शुगर का स्तर संतुलित बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा देता है। हाई ब्लड शुगर एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैंक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता। इंसुलिन का उत्पादन पैंक्रियास करता है जिसका काम खून में मौजूद शुगर को शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाना, ताकि उसे ऊर्जा में बदला जा सके। जब पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन कम कर देता है या पूरी तरह बंद कर देता है, तो ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे डायबिटीज की समस्या शुरू हो जाती है।
डायबिटीज मरीज डाइट का ध्यान रखें और लाइफस्टाइल में बदलाव करें तो ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं। कुछ खास हेल्दी फूड्स ऐसे भी होते हैं जो ब्लड शुगर के स्तर को नेचुरल तरीके से कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। दाल हमारी डाइट का अहम हिस्सा है जिसका सेवन हम दिन भर के खाने में एक से दो बार करते हैं। दालों में पाए जाने वाले उच्च मात्रा के डाइटरी फाइबर कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण की गति को धीमा कर देते हैं, जिससे ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से कंट्रोल किया जा सकता है।
दालें प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं, जो मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक होता है। यदि आप शाकाहारी हैं तो दालें प्रोटीन का बेहतरीन विकल्प हैं। ज्यादातर दालों में वसा की मात्रा बहुत कम होती है, जिससे वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है। चीफ़ न्यूट्रिशनिस्ट, डॉ. प्रियांका रोहतगी बताती है कि डायबिटीज में अचानक बढ़ने वाली शुगर को कंट्रोल करने और भूख को शांत करने के लिए दालें एक प्रभावी और असरदार उपाय है। अब सवाल ये उठता है कि कौन सी दाल डायबिटीज कंट्रोल करने में सबसे असरदार साबित होती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए कौन सी दाल खाएं।
डायबिटीज कंट्रोल करने में मूंग दाल कैसे असरदार साबित होती है?
हर दाल की अपनी खासियत होती है कोई फाइबर में समृद्ध होती है तो कोई आयरन या एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है। डायबिटीज मरीजों के लिए इनका संयमित और संतुलित सेवन ब्लड शुगर मैनेजमेंट, पोषण और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। डायबिटीज मरीजों के लिए हरी मूंग दाल का सेवन बेहद असरदार साबित होता है।
हरी मूंग दाल (Green Lentils) का सेवन अक्सर हम लोग खिचड़ी के साथ और दाल बनाकर करते हैं। हरी मूंग दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स केवल 38 है जो काफी कम होता है। हरी मूंग दाल लेंटे कार्ब्स का बेहतरीन स्रोत मानी जाती है। यह दाल धीरे-धीरे पचती है, जिससे ब्लड शुगर में अचानक बढ़ोतरी नहीं होती। इसके अलावा, हरी मूंग की दाल एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। 2015 में हुई एक स्टडी में पाया गया कि हरी मूंग की भूसी से बनाए गए बिस्किट डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी साबित होते हैं। मूंग दाल में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन और कॉपर भरपूर होता है जो बॉडी को हेल्दी रखती है। मूंग दाल एक लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड है जो शरीर में इंसुलिन,ब्लड शुगर और फैट लेवल को कम करने में मदद करती है।
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए कैसे करें मूंग दाल का सेवन
- मूंग दाल को हल्के मसालों के साथ पका कर रोज़ाना खाएं।
- मूंग दाल का सेवन अंकुरित दाल के रूप में करें। रात भर भिगोकर सुबह अंकुरित मूंग नाश्ते में खाएं, यह शुगर कंट्रोल में मददगार है।
- मूंग की दाल को उबालकर उसके पानी का सेवन करें। यह कमजोरी दूर करता है और ब्लड शुगर नियंत्रित रखता है।
- मूंग की दाल की खिचड़ी बनाकर खाएं। मूंग दाल से बनी खिचड़ी हल्की, पचने में आसान और डायबिटिक डाइट के लिए उपयुक्त है।
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