सर्दी का मौसम कई लोगों को बेहद सुहाना लगता है। इस दौरान न गर्मी की तरह पसीना आता है और न ही हल्की-फुल्की गतिविधियों में बीपी बढ़ने या हार्ट थंपिंग जैसी परेशानियां महसूस होती हैं। ठंड का तापमान शरीर की हार्ट रेट को थोड़ा कम रखता है और शरीर ऊर्जा बचाने के मोड में भी चला जाता है। यही वजह है कि लोग सर्दियों में खुद को ज्यादा सक्रिय और आरामदायक महसूस करते हैं।

हालांकि, ठंड का मौसम जितना सुखद लगता है उतना ही यह शरीर पर अलग तरह का असर भी डालता है। कम तापमान की वजह से ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, जिससे हाथ-पैर और कान जल्दी ठंडे पड़ जाते हैं। शरीर को गर्म रखने के लिए यह ऊर्जा का उपयोग बढ़ा देता है, इसलिए स्किन ड्राईनेस, हाथ-पैरों में सुन्नपन, जोड़ों में जकड़न और  कमजोर इम्यूनिटी होने जैसी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं। सर्दी में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए गर्म कपड़ों का सही उपयोग, पर्याप्त हाइड्रेशन और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट का सेवन करना जरूरी होता है।

सर्दियों में जब तापमान तेजी से गिरता है, तो हमारे शरीर का आंतरिक तापमान भी धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसी वजह से ठंड का असर ज्यादा महसूस होता है और हाथ-पैरों से लेकर कानों तक शरीर के बाहरी हिस्से सबसे पहले ठंडे पड़ जाते हैं। अक्सर हम सर्द दिनों में हाथों में दस्ताने और पैरों में सॉक्स पहनते हैं। कानों की टोपी या स्कार्फ से कवर रखते हैं। अब सवाल ये उठता है कि सर्दी में हमारे कानों पर,हाथ और पैरों पर सर्दी क्यों ज्यादा लगती है? आइए जानते हैं इन अंगों पर सर्दी ज्यादा लगने के लिए कौन-कौन से कारण हैं जिम्मेदार।

सर्दी में कानों से लेकर,हाथ-पैरों पर सर्दी क्यों लगती है?

Harvard Health में पब्लिश खबर के मुताबिक ठंडी हवाओं या कम तापमान से ब्लड वेसल्स (blood vessels) सिकुड़ने लगती हैं, जिससे जोड़ों और अंगों तक खून कम पहुंचता है जिसकी वजह से हाथ-पैर जल्दी ठंडा महसूस करते हैं। Cleveland Clinic के मुताबिक हाथ-पैरों के ठंडे होने के लिए शारीरिक चर्बी की कमी, कम मोटापा और खराब रक्त परिसंचरण जिम्मेदार है जिससे हाथ-पैर ठंडे होने लगते हैं। Mayo Clinic के मुताबिक ठंडा तापमान, सुस्त ब्लड फ्लो और व्यायाम की कमी मिलकर शरीर के बाहरी हिस्सों जैसे हाथ, पैर, कान को ठंडा बना सकते हैं।

सर्दी में हाथ-पैरों और कानों पर क्यों लगती है ठंड?

शरीर का गर्मी बचाने वाला सिस्टम

ठंड में शरीर गर्मी को बचाने के लिए खून को महत्वपूर्ण अंगों की तरफ भेजता है। इस वजह से हाथ-पैरों और कानों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है और वे जल्दी ठंडे महसूस होते हैं। इसलिए कानों और हाथ-पैरों पर ज्यादा ठंड लगती है।

हाथ-पैर,कान और नाक एंड पॉइंट्स हैं तो सर्दी लगाते हैं

हाथ-पैर,कान और नाक ये बॉडी के सबसे बाहरी हिस्से होते हैं और इनकी मोटाई भी कम होती है। इस कारण ये ठंडी हवा के सीधे संपर्क में आते हैं, जिससे गर्मी जल्दी निकल जाती है।

इन अंगों के पास कम फैट भी है वजह

हाथ-पैर, कान और नाक पर फैट कम होता है। कम फैट शरीर की गर्मी को रोकने का काम करता है, इसलिए फैट कम होने पर ठंड ज्यादा लगती है।

ब्लड वेसल्स का सिकुड़ना (Vasoconstriction) भी है वजह

ठंड पड़ते ही शरीर स्वचालित रूप से इन हिस्सों की रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ देता है। इससे खून का बहाव कम होता है और गर्मी भी कम पहुंचती है, नतीजा हाथ-पैर और कान ठंड से ठिठुरते हैं।

कम गतिविधि (Less Movement) भी है ठंड का कारण

सर्दियों में आमतौर पर लोग चलना-फिरना कम कर देते हैं जिससे उनकी बॉडी की मूवमेंट कम होने लगती है। कम बॉडी एक्टिविटी खून का बहाव धीमा कर देती है जिससे हाथ-पैरों में ठंड ज़्यादा लगती है।

एनीमिया, हाइपोथायरॉयड जैसे कारण भी हैं जिम्मेदार

अगर किसी को रक्त की कमी, लो BP, या थायरॉयड की समस्या है, तो उन्हें ठंड अधिक संवेदनशील लगती है।

क्या करें ताकि हाथ-पैरों पर ठंड कम लगे?

  • गर्म दस्ताने और सॉक्स पहनें
  • बॉडी को एक्टिव रखें। वॉक से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा और बॉडी में गर्मी आएगी।
  • गुनगुने पानी से हाथ-पैर सेंकें
  • ड्राई फ्रूट्स और गर्म चीजों को डाइट में शामिल करें।
  • शरीर को गर्म रखने वाले कपड़े लेयरिंग में पहनें

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