डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके मरीज अपनी डाइट का सेवन बेहद सोच समझ कर करते हैं। डाइट में कम कार्बोहाइड्रेट और कम वसा वाले फूड्स का सेवन ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में असरदार साबित होते हैं। डायबिटीज के मरीज अगर लम्बे समय तक डाइट पर कंट्रोल नहीं करें तो इस बीमारी के जोखिम बढ़ने का खतरा अधिक रहता है। डायबिटीज का स्तर अगर लम्बे समय तक ज्यादा रहता है तो दिल से लेकर किडनी और लंंग्स तक को नुकसान पहुंचा सकता है।

डायबिटीज के मरीज डाइट का ध्यान रखें। डाइट में अनाज हमारा प्रमुख अनाज है जिसका सेवन हम तीन वक्त के भोजन करने में करते हैं। डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर को कंंट्रोल करने के लिए लो गलाइसेमिक इंडेक्स अनाज का सेवन करें तो ब्लड शुगर नॉर्मल रहेगी। अनाज में रोटी हमारा प्रमुख आहार है जिसका सेवन अगर डायबिटीज के मरीज सोच विचार कर नहीं करते तो ब्लड शुगर तेजी से स्पाइक कर सकता है।

हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक डायबिटीज के मरीज अपने तीनों टाइम के खाने में खास तरह के आटे का सेवन करें तो फायदेमंद होता है। कुछ आटे का सेवन ब्लड शुगर स्पाइक को बॉर्डर पार पहुंचाने में कारगर साबित होता है। डायबिटीज के मरीज इन तीन आटे की रोटियां का सेवन भूलकर भी नहीं करें वरना ब्लड शुगर तेजी से बढ़ेगी।

प्रोसेस्ड अनाज का आटा:

इसमें गेंहू हो या कोई भी अन्य अनाज इसे अगर प्रोसेस्ड कर आटा बनाया जाता है तो यह डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है। वेबएमडी के मुताबिक प्रोसेस्ड आटा ब्लड शुगर स्पाइक को बहुत तेजी से बढ़ा देता है। इसमें बहुत अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है जो जल्दी आंत में नहीं पचता और यह खून में दौड़ता रहता है। इसमें गेंहू, चावल का प्रोसेस्ड आटा शामिल है। इसमें मैदा अल्ट्रा प्रोसेस्ड हो गया जो और ज्यादा नुकसानदेह है। इसलिए बाजार में मिलने वाले आटे की जगह मोटे अनाज को मिलाकर चक्की में आटा पिसवाएं। इससे नुकसान नहीं होगा

मिक्स साबुत अनाज का आटा:

बाजार में बहुत सा ऐसा आटा मिलता है जिसके बारे में दावा किया जाता है कि यह पौष्टित तत्वों से भरा होता है। लेकिन इस आटे में चीनी मिलाई जाती है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसानदेह है। इस तरह के आटे से बाजार में व्हाइट ब्रेड भी मिलता है। ये सब चीजें कार्बोहाइड्रेट से भरी होती है। इसलिए इनकी जगह ब्राउन ब्रेड का इस्तेमाल करे।

तला हुआ सफेद आटा:

इस तरह का देखने में बहुत सफेद होता है लेकिन इसे पहले भुना जाता है। भुनने के दौरान कई तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं जिससे अनाज से पौष्टिक तत्व खत्म हो जाता है और कार्बोहाइड्रैट रह जाता है। इसलिए बाजार में जो आटा बहुत ज्यादा सफेद दिखे उसकी रोटियां न खाएं। दरअसल, इन चीजों को प्रोसेस करने के दौरान इनमें कई तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं जो इंसुलिन के उत्पादन पर असर डालते हैं। इसलिए इन आटों से बनी रोटियों का सेवन न करें।