Jogging Vs Cycling: खराब लाइफस्टाइल और कामकाज की भागदौड़ में हेल्दी और फिट रहना एक बड़ी चुनौती रही है। किसी भी समय तरह-तरह के फूड्स का सेवन कर लेते हैं, जिसके चलते पेट बढ़ने लगता है और शरीर में चर्बी कब्जा करने लगती है। एक बार शरीर में मोटापा बढ़ने लगता है तो इसे कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसके साथ ही कई स्वास्थ्य संबंधी समस्या भी होने लगती हैं। ऐसे में अपने आप को फिट रखना बहुत आवश्यक है। अगर आपका वजन भी बढ़ रहा है इसे कम करना चाहते हैं, तो एक्सपर्ट्स द्वारा बताए गए इन तरीके से मदद मिल सकती है।

हालांकि, जब वजन घटाने की बात आती है, तो जॉगिंग और साइकिल चलाना दोनों ही प्रभावी कार्डियोवैस्कुलर व्यायाम माने जाते हैं। ये कैलोरी जलाने, वसा (Fat) कम करने और फिटनेस में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, इनमें से प्रत्येक के अलग-अलग लाभ हैं, जो आपके व्यक्तिगत फिटनेस स्तर, जोड़ों और कई स्वास्थ्य संबंधी लक्ष्यों पर निर्भर करता है। दिल्ली के सीके बिड़ला अस्पताल के फिजियोथेरेपी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेन्द्र पाल सिंह के अनुसार, इनकी तुलना इस प्रकार की गई है।

वजन घटाने के लिए जॉगिंग

डॉ. सुरेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि जॉगिंग एक हाई प्रभाव वाला व्यायाम है, जो आमतौर पर साइकिल चलाने की तुलना में तेजी से वजन कम करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जॉगिंग की तीव्रता और पूरे शरीर की व्यस्तता के कारण प्रति मिनट अधिक कैलोरी बर्न होती है। उदाहरण के लिए, 70 किलोग्राम वजन वाला व्यक्ति 30 मिनट की जॉगिंग में लगभग 400 कैलोरी बर्न कर सकता है, जबकि वही व्यक्ति समान समय के लिए साइकिल चलाने पर लगभग 300 कैलोरी बर्न कर सकता है।

हालांकि, डॉ. सिंह ने कहा कि जॉगिंग से जोड़ों यानी घुटनों, कूल्हों और टखनों पर काफी दबाव पड़ सकता है, जिसके कारण यह ऑस्टियोआर्थराइटिस या लिगामेंट की चोट जैसी समस्याओं से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए सही नहीं है।

वजन घटाने के लिए साइकिल चलाना

साइकिल चलाना एक कम प्रभाव वाला व्यायाम है जो जोड़ों पर हल्का असर डालता है, जिससे यह जोड़ों की समस्या वाले लोगों या चोट से उबरने वाले लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। डॉ. सिंह ने कहा कि साइकिल चलाने से आम तौर पर प्रति मिनट जॉगिंग की तुलना में कम कैलोरी बर्न होती है, फिर भी यह वजन घटाने के लिए प्रभावी हो सकता है, खासकर जब इसे लंबे समय तक या अधिक तेजी से किया जाए।

उन्होंने कहा कि साइकिल चलाने से जोड़ों पर कम दबाव पड़ता है। ऐसे में जोड़ों के दर्द या घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए यह उपयोगी और सुरक्षित है। यह जोड़ों के लचीलेपन को बढ़ाने और घुटनों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए फायदेमंद हो सकता है।

डॉ. सिंह ने कहा कि जॉगिंग और साइकिलिंग दोनों ही वजन कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं, लेकिन बेहतर विकल्प आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य और फिटनेस स्तर पर निर्भर करता है।

वहीं, हेल्दी और फिट रहने के लिए पैदल चलना बहुत जरूरी होता है। उम्र के हिसाब एक दिन में कितना चलना चाहिए