PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक सामान्य हार्मोनल विकार है, जो दुनिया भर में लाखों महिलाओं को प्रभावित करता है। खासकर पिछले कुछ सालों में इसके मामले तेजी से बढ़े हैं। बावजूद इसके आज भी अधिकतर महिलाएं इस समस्या को लेकर अंजान रहती हैं या समय रहते पीड़ित को इसके बारे में पता नहीं चल पाता है। ऐसे में धीरे-धीरे स्थिति और गंभीर होती चली जाती है और बाद में इसे कंट्रोल करना बेहद मुश्किल हो जाता है।

इसी कड़ी में यहां हम आपको बता रहे हैं कि आखिर किसी महिला को PCOS का टेस्ट कब कराचा चाहिए, किस तरह इसका टेस्ट किया जाता है, साथ ही इसमें कितना खर्च आता है।

हालांकि, इससे पहले जान लेते हैं कि आखिर PCOS है क्या और ये स्थिति किस तरह किसी महिला को प्रभावित कर सकती है।

क्या होता है PCOS?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पीसीओएस यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित महिलाओं में पुरुष हार्मोन यानी एंड्रोजन का स्तर अधिक बढ़ने लगता है और महिला हार्मोन यानी प्रोजेस्ट्रॉन की कमी होने लगती है। इस स्थित में हार्मोन्स इंबैलेंस हो जाते हैं, जिसके चलते ओवरीज में सिस्ट बनने लगते हैं।

किस तरह प्रभावित करती है ये स्थिति?

PCOS होने पर ओवुलेशन होना कम हो सकता है या बिल्कुल बंद भी हो सकता है, जिससे महिलाओं को प्रेग्नेंसी में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस तरह की समस्या से निजात पाना बेहद जरूरी हो जाता है।

कब कराएं PCOS का टेस्ट?

अच्छी बात यह है कि PCOS की शुरुआती स्टेज में ही कई तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं। ऐसे में अगर किसी महिला को अपने शरीर में ये बदलाव नजर आते हैं, तो उन्हें बिना अधिक समय गवाए पीसीओएस का टेस्ट करा लेना चाहिए।

ये लक्षण नजर आते ही करा लें जांच

इर्रेगुलर पीरियड्स

अगर आपको पहले के मुकाबले कम या लंबे समय तक पीरियड्स आ रहे हैं, पीरियड्स अनियमित हैं या केवल एक से दो दिन तक ही ब्लीडिंग होती है, तो PCOS की जांच करा लें।

एण्ड्रोजन का बढ़ जाना

पुरुष हार्मोन बढ़ जाने पर चेहरे और शरीर पर अतिरिक्त बाल नजर आने लगते हैं, एक्ने की परेशानी बढ़ जाती है, साथ ही पुरुष-पैटर्न जैसा गंजापन भी नजर आने लगता है, इस तरह के शारीरिक लक्षण नजर आने पर PCOS की जांच कराना जरूरी हो जाता है।

वजन बढ़ना

अगर आपका वजन अकारण बहुत बढ़ने लगा है और अच्छी डाइट, एक्सरसाइज के बाद भी आपको वजन कम करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा रहा है, तो एक बार हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह जरूर लें। PCOS की स्थिति में ऐसा होना बेहद सामान्य है।

स्किन पर भी दें ध्यान

इन सब से अलग अगर खासकर आपकी गर्दन, कमर और स्तनों के नीचे कालापन बढ़ रहा है या बगल और गर्दन के आसपास अतिरिक्त स्किन की वृद्धि हो रही है, तो इस स्थिति में भी एक बार PCOS की जांच जरूर करा लें।

कैसे होता है टेस्ट?

PCOS की जांच कराने के लिए ब्लड टेस्ट या अल्ट्रासाउंड कराया जाता है। वहीं, ब्लड टेस्ट भी 3 तरह के होते हैं।

  1. हार्मोन लेवल के लिए: इस टेस्ट में एण्ड्रोजन, इंसुलिन और अन्य हार्मोन के स्तर को मापा जाता है।
  2. ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट: इस टेस्ट में इंसुलिन रेजिस्टेंस या डायबिटी की जांच की जाती है।
  3. लिपिड प्रोफाइल: ये कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल को मापने के लिए किया जाता है।

कितना आता है खर्च?

आमतौर पर ब्लड टेस्ट के लिए 2000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक का खर्च आ सकता है। वहीं, अल्ट्रासाउंड आमतौर पर 500 रुपये से 2000 रुपये के बीच हो जाता है। इससे अलग जगह और सेंटर के हिसाब से ये शुल्क अलग-अलग हो सकते हैं।

टेस्ट से पहले इन बातों का रखें ख्याल

  • अगर आप PCOS के लिए ब्लड टेस्ट करा रहे हैं, तो सटीक परिणाम के लिए टेस्ट से पहले हेल्दी और बैलेंस डाइट जरूर लें।
  • अगर आप किसी तरह की दवाओं का सेवन करते हैं, तो इस बात की जानकारी डॉक्टर को पहले ही दे दें।
  • इन सब से अलग अगर आप ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट करा रहे हैं, तो इससे पहले फास्टिंग रूल को भी जरूर फॉलो करें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।