जैतून का तेल सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है जिसे ऑलिव ऑयल के नाम से भी जाना जाता है। जैतून के तेल में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें विटामिन-ई, आयरन, विटामिन के, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता हैं जो सेहत के लिए उपयोगी है। अगर आप खाने में इस तेल का इस्तेमाल करते हैं तो दिल से लेकर पेट तक हेल्दी रहेगा।

जैतून का तेल अपने स्वाद और स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है। दुनिया भर में इस तेल का सेवन किया जाता है, लेकिन क्या केवल जैतून के तेल से बना खाना रोजाना खाया जाए तो सेहत पर इसका कैसा असर दिखेगा। आइए जैतून के तेल के सेवन के पीछे के विज्ञान के बारे में गहराई से जानते हैं।

दिल की सेहत रहती है दुरुस्त

यशोदा हॉस्पिटल, हैदराबाद के वरिष्ठ सलाहकार चिकित्सक और मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. के. सोमनाथ गुप्ता ने बताया कि जैतून के तेल का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कंट्रोल रहता है और दिल की सेहत दुरुस्त रहती है। इसमें मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट LDL या खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है,जिससे दिल के रोगों का खतरा कम हो जाता है।

शुगर रहती है कंट्रोल

जैतून के तेल में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट इंसुलिन संवेदनशीलता और ब्लड शुगर के स्तर में सुधार कर सकता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। अगर डायबिटीज मरीज रोजाना इस तेल का सेवन करें तो उनका ब्लड शुगर नॉर्मल रहेगा।

एंटीऑक्सीडेंट गुणों से है भरपूर

जैतून के तेल में विटामिन-ई, विटामिन के और कई पोषक तत्व मौजूद होते है जो एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होते है। इसका सेवन करने से क्रॉनिक बीमारियों का खतरा कम होता है। जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बुढ़ापा को कंट्रोल करने में मददगार है।

पाचन रहता है दुरुस्त

जैतून के तेल का सेवन करने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। इसका सेवन करने से मल सॉफ्ट होता है और कब्ज की बीमारी का उपचार होता है। अगर आप रेगुलर इस तेल का सेवन करते हैं तो पाचन दुरुस्त रहता है।

इस तेल का अधिक सेवन सेहत पर कैसा करता है असर

डॉ. गुप्ता के मुताबिक जैतून का तेल सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन इसका अत्यधिक सेवन सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है। जैतून के तेल का अत्याधिक सेवन वजन को बढ़ाने में असरदार साबित होता है। इसका अधिक सेवन करने से पाचन संबंधी परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। जैतून के तेल के अत्यधिक सेवन से सूजन या दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।