टाइफाइट एक ऐसी बीमारी है जो सेल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया के कारण होती है। बदलके मौसम में ये बीमारी बेहद परेशान करती है। ये बैक्टीरिया पानी और खाने के जरिए पेट में पहुच जाते हैं और लोगों को बीमार करते हैं। टाइफाइट का बुखार होते ही बॉडी में उसके लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं। इस बुखार को आंतों का बुखार भी कहा जाता है। तेज बुखार, सिर दर्द, ठंड लगना, कब्ज की परेशानी होना और मांसपेशियों में दर्द होना इस बुखार के मुख्य लक्षण हैं। अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज नहीं किया जाए तो आंतों को भी नुकसान पहुंच सकता है।
डॉक्टर सुचिन बजाज के मुताबिक टाइफाइट कीटाणु संक्रामित व्यक्ति के टॉयलेट में मौजूद होते हैं जो संक्रामित इंसान द्वारा हाथों को ठीक से साफ नहीं करने पर दूसरे इंसान तक फैल जाते है। आयुर्वेदिक डॉक्टर प्रताप चौहान के मुताबिक टाइफाइट का बुखार होने पर अगर उसका ट्रीटमेंट नहीं किया जाए तो ये सेहत पर भारी पड़ सकता है। टाइफाइट में किन बातों का ध्यान रखना है और किन चीजों से परहेज करना इन बातों को जानना जरूरी है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि इस बीमारी के लक्षणों की पहचान कैसे करें और उसका उपचार कैसे करें।
टाइफाइट के लक्षण:
- तेज बुखार आना,
- सिर दर्द होना,
- ठंड लगना,
- कब्ज की परेशानी होना,
- दस्त और कब्ज होना,
- जी मिचलाना,पेट दर्द, कफ और मांसपेशियों में दर्द होना शामिल है।
टाइफाइट में खाने का ध्यान रखें:
ये बीमारी इंफेक्शन की वजह से पनपती है इसलिए इस बीमारी की वजह से पाचन कमजोर हो जाता है। पाचन को ठीक रखने के लिए टाइफाइट के मरीज हल्का भोजन करें। खाने में उबली हुई सब्जियां जैसे लौकी, तौरई और टिंडा की सब्जी का सेवन करें। खाने में सब्जियों के सूप का सेवन करें। ये सूप बॉडी को एनर्जी देता है और जल्दी पचता भी है। खाने में मूंग की दाल का पानी पीएं। मूंग की दाल की खिचड़ी का सेवन करें। खाने में पपीता का सेवन करें। आप फलों का जूस पीएं। जूस बॉडी को एनर्जी देंगे साथ ही बॉडी को हेल्दी भी रखेंगे। पानी का सेवन उबालकर ही करें।
टाइफाइट से बचाव कैसे करे
- साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- खाने-पीने की खुली चीजों का सेवन नहीं करें।
- इस दौरान बॉडी में वीकनेस हो जाती है इसलिए हाई कैलोरी और हाई प्रोटीन डाइट का सेवन करें। चावल, चीनी और दलिया का सेवन करें।
- मीठी चीजें और दही का सेवन करें।
- मूली और पत्ता गोभी गैस बनाते हैं इसलिए इनसे बचाव करें।
- पानी का सेवन ज्यादा करें।
- आप नारियल पानी का सेवन करें।