डायबिटीज के मरीजों के ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने से कई समस्याएं हो सकती हैं जिसमें पैरों की नसें और ब्लड वैसल्स का डैमेज होना शामिल है। डायबिटीज के मरीज अगर खराब फिटिंग के जूते पहनते हैं तो पैरों में अल्सर जैसी परेशानी हो सकती है। पैरों का अल्सर डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा परेशान करता है जिसमें पैरों में शुरूआत में छाले होते हैं और धीरे-धीरे पैरों की स्किन पर कई तरह की परेशानियां बढ़ने लगती है। अगर स्किन के इन घाव का ध्यान नहीं रखा जाए तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है। डायबिटीज के मरीजों को फुट अल्सर से बचना है तो उन्हें अपने पैरा विशेष ध्यान रखना होगा।
अपोलो अस्पताल शेषाद्रिपुरम की इंटरनल मेडिसिन डॉ शीतल भ्रामेश ने कहा कि पैरों में खराब फिटिंग वाले जूते इस परेशानी को तेजी से बढ़ाते हैं। अगर आप मधुमेह रोगी हैं, तो जूते खरीदते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। खराब फिटिंग वाले जूते जैसे बहुत टाइट या बहुत ढीले शूज पहनने से पैरों में चोट लगने और पैरों की बीमारियों का खतरा अधिक हो सकता है।
डुंडी विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में मधुमेह से ग्रसित लोगों में से लगभग चौथाई लोग खराब फिटिंग के जूते पहनते हैं। बहुत छोटे या बड़े जूते पहनने से पैरों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। पैरों के ये फफोले अल्सर में बदल सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए पैरों की देखभाल करना जरूरी होता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए उचित जूते पहनना बहुत महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को किस तरह का जूता पहनना चाहिए।
जूते खरीदने का सही समय कौन सा है?
डायबिटीज के मरीजों के लिए जूते खरीदने का समय भी मायने रखता है। इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर के आर्थोपेडिक सर्जन, डॉ अभिषेक जैन ने सुझाव दिया है कि डायबिटीज के मरीज जब भी जूता खरीदे शाम के समय खरीदें। क्योंकि आपके पैर दिन में सूज जाते हैं और जब आप शाम को जूते खरीदते हैं तो आपका पैर सही आकार में आ जाता है और आप सही शूज खरीदते हैं। अगर शूज सही आकार का होता है तो पैरों की स्किन आसानी से सांस लेती है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए कैसे होने चाहिए जूते:
एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज के मरीज को ऐसे जूते पहनने की सलाह दी जाती है जो ना ज्यादा टाइट हो और ना ही ज्यादा लूज हो। जिसे पहनकर पैरों को आराम मिले। ऐसी फिटिंग के शूज पहने जिसे पहनकर स्किन सांस ले सके। कम्फर्ट जूते डायबिटीज के मरीजों के पैरों में होने वाले अल्सर का ख्याल रखते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक डायबिटीज के लगभग 10 फीसदी मरीज अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार फुट अल्सर का शिकार जरूर होते हैं।
डायबिटीज फुट केयर में जूतों और सॉक्स का पहनना बेहद जरूरी है। जूते और सॉक्स पैरों को घाव या चोट से बचाने में बेहद मददगार होते हैं। अगर जूते टाइट होंगे तो पैरों में रगड़ लग सकती है जिससे फफोले हो सकते हैं। ज्यादा तंग या लूज शूज आपके पैरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
