कोविड के बाद ऐसे कई तरह के वायरल संक्रमण देश और दुनियां में लोगों में दहशत फैला रहे हैं। तरह-तरह के वायरस लोगों में मौत का कारण बन रहे हैं। अमेरिका के राज्य कैलिफॉर्नियां में अब एक संक्रमण लोगों को परेशान कर रहा है। कैलिफॉर्निया में कर्न काउंटी संगीत समारोह ‘लाइटनिंग इन ए बॉटल’ में 20,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया जिनमें वैली फीवर के मामले सामने आए हैं। छह दिवसीय इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों को बुखार और सांस लेने में दिक्कत होने जैसे लक्षणों से सावधान रहने की सलाह दी गई है।

स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक कार्यक्रम में मौजूद लोगों में फंगल संक्रमण वैली फीवर के पांच मामलें सामने आए हैं। पहचान किए गए इन 5 मामलों में से तीन को अस्पताल में भर्ती कराने तक की नौबत आ गई। आपको बता दें कि वैली फीवर एरिजोना, कैलिफोर्निया, नेवादा और न्यू मैक्सिको में फैलता है।

कैलिफोर्निया के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने उत्सव में उपस्थित सभी लोगों को सावधानी बरतने की हिदायत दी है। हेल्थ विभाग ने लोगों को सलाह दी हैं कि अगर वो खांसी, बुखार, थकान, सांस लेने में कठिनाई और सीने में दर्द जैसी सांस लेने में किसी तरह की दिक्कत महसूस करते हैं तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये वायरस है क्या जिसके लिए कैलिफॉर्नियां में हलचल मच गई। आइए जानते हैं कि वैली फीवर क्या है और ये कैसे फैलता है और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।

वैली फीवर क्या है?

वैली फीवर एक फंगल डिजीज है जो सैन जोकिन वैली और कैलिफोर्निया के सेंट्रल कोस्ट में फैला है। इसे कोक्सीडिओडोमाइकोसिस (coccidioidomycosis) या ‘कोक्सी'(cocci) के नाम से भी जाना जाता है। ये फंगल मिट्टी और गंदगी में तेजी से पनपता है। मिट्टी में रहने वाले कुछ फंगी के बीजाणुओं के सांस लेने से यह रोग हो सकता है। वैली फीवर का नाम कैलिफोर्निया में सैन जोकिन वैली से लिया गया है।

वैली फीवर कैसे फैलता है?

इस फीवर के फैलने का कारण फंगस युक्त धूल है जिसमें सांस लेने से इंसान और जानवर संक्रमित हो सकते हैं।

वैली फीवर के लक्षण कौन-कौन से हैं?

वैली फीवर के लक्षणों की बात करें तो संक्रामित इंसान को खांसी, बुखार, सीने में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना, रात को पसीना, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, धब्बेदार दाने और थकान की शिकायत हो सकती है। हाल के वर्षों में कैलिफोर्निया में वैली फीवर के मामले बढ़ रहे हैं। 2018 से 2022 के बीच हर साल लगभग 7,000 और 9,000 मामले सामने आ रहे हैं।

क्या वैली फीवर जानलेवा है?

वैली फीवर शायद ही कभी जानलेवा साबित होता हो। इससे संक्रमित होने वाले 1% ही लोग मरते हैं। कई बार यह संक्रमण बिना लक्षण वाला होता है या फ्लू जैसे लक्षण दिखाते हैं। दुर्लभ मामलों में यह गंभीर बीमारी में बदल सकता है।

वैली फीवर से बचाव कैसे करें

  • वैली फीवर से बचाव करना चाहते हैं तो उन जगहों पर जाना छोड़ दें जहां वैली फीवर के मामले आम हैं। उन जगह पर नहीं जाएं जहां गंदगी और धूल ज्यादा है।
  • इस फंगल संक्रमण से बचाव करने के लिए आप N95 मास्क का इस्तेमाल करें।
  • धूल भरी आंधी से बचने की कोशिश करें। आंधी चलने पर घर के खिड़कियां और दरवाजें बंद रखें।
  • बागवानी और खुदाई जैसी गतिविधियों के जरिए धूल के संपर्क में आने से बचें।
  • घरों में एयर फिल्टर का इस्तेमाल करें।