दिल के मरीजों की संख्या में तेजी से इज़ाफा हो रहा है। दुनिया भर में हार्ट के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बीमारी से इंडिया में हर दिन 9 हजार लोग मारे जाते हैं। रोजाना इतनी बड़ी संख्या में मौत का आंकड़ा बढ़ाने में दो आतंकवादी जिम्मेदार हैं। ये दो आतंकवादी कोई और नहीं बल्कि कोलेस्ट्रॉल और ट्राई ग्लिसराइड है। कोलेस्ट्रॉल और ट्राई ग्लिसराइड दोनों का स्तर अगर खून में ज्यादा हो जाए तो दिल की सेहत के लिए खतरा है। कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए हम लोग बहुत बात करते हैं लेकिन ट्राई ग्लिसराइड को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन आप जानते हैं कि ट्राई ग्लिसराइड का स्तर बढ़ने से आपके दिल की सेहत पर खतरा मंडराने लगता है।

एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ विमल झांझर ने बताया अगर आप दिल को हेल्दी रखना चाहते हैं तो आप अपने दिल के इन दोनों दुश्मनों को कंट्रोल करें। ट्राइग्लिसराइड को कंट्रोल करने के लिए पहले इसके स्तर का पता होना जरूरी है। इसका पता लगाने के लिए लिपिड प्रोफाइल जांच की जाती है। 

ट्राई ग्लिसराइड की नॉर्मल रेंज की बात करें तो इसका स्तर 40 से 160 mg/dl तक होना चाहिए। एक्सपर्ट के मुताबिक 100 mg/dl से ज्यादा होने पर आपको सतर्क हो जाना चाहिए। अगर आपका ट्राई ग्लिसराइड ज्यादा है तो आप तुरंत सतर्क हो जाएं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ट्राई ग्लिसराइड क्या है और इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है।

ट्राई ग्लिसराइड क्या है?

ट्राई ग्लिसराइड तीन फैटी एसिडों के कॉम्बिनेशन से बना होता है जो बॉडी में एनर्जी का स्रोत है। यह अतिरिक्त कैलोरी को स्टोर करने का काम करता है। ये एक प्रकार का फैट है जो ब्लड में पाया जाता है। जब हम भोजन करते हैं तो हमारी बॉडी अतिरिक्त कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड के रूप में स्टोर करती है। जब बॉडी को एनर्जी की जरूरत होती है तो ये ट्राई ग्लिसराइड टूटकर ऊर्जा देता हैं। बॉडी में ट्राई ग्लिसराइड का स्तर हाई होने से दिल के रोगों और डायबिटीज का जोखिम बढ़ने लगता है। 

दिल के इस दुश्मन को कंट्रोल करना है तो डाइट का ध्यान रखें। मीठे फूड और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट्स जैसे सफेद ब्रेड, चावल का सेवन कम करें। नियमित एक्सरसाइज करें। हफ्ते में 150 मिनट की मध्यम एक्सरसाइज करें जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना या तैरना। वजन को कंट्रोल करें और स्मोकिंग की आदत को छोड़ें। तनाव को कम करने के लिए आप योग, ध्यान जैसी तकनीकों को अपनाएं।

ट्राई ग्लिसराइड कंट्रोल करने के लिए कैसी डाइट का करें सेवन

  • ट्राई ग्लिसराइड की बाहर से सप्लाई बंद करना है तो सबसे पहले तेल का सेवन करना बंद करें। एक चम्मच तेल का सेवन आपके ब्लड में 200 मिलीग्राम तक ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ाता है। ट्राई ग्लिसराइड कंट्रोल करने के लिए जीरो कुकिंग ऑयल का सेवन करें।
  • शुगर अगर कंट्रोल नहीं होती तो ये ब्लड में जाकर ट्राई ग्लिसराइड को बढ़ा देती है। जिन लोगों की डायबिटीज कंट्रोल नहीं है उनका टाई ग्लिसराइड बढ़ सकता है। अगर डाइट कंट्रोल करने के बाद और एक्सरसाइज के बाद भी आपका ट्राई ग्लिसराइड बढ़ रहा है तो ये जेनेटिक हो सकता है। इसका मतलब है कि आपके लिवर में ट्राइग्लिसराइड बढ़ रहा है जिसका इलाज करना बेहद जरूरी है।
  • तनाव से ट्राइग्लिसराइड का स्तर तेजी से बढ़ता है। इसे कंट्रोल करने के लिए आप मेडिटेशन करें। योग की मदद से आप इस परेशानी का इलाज कर सकते हैं।
  • अगर ट्राइग्लिसराइड का स्तर हाई है तो आप ड्राई फ्रूट का सेवन बिल्कुल नहीं करें।  
  • ट्राई ग्लिसराइड को कंट्रोल करने के लिए आप ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर मछली, सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन और ट्यूना का सेवन करें। अखरोट और चिया सीड्स का सेवन करें।
  • फाइबर से भरपूर फूड्स का सेवन करें। फाइबर रिच फूड्स में आप साबुत अनाज, ओट्स, ब्राउन राइस, क्विनोआ,फल, सेब, नाशपाती, बेरीज़ और सब्जियों का सेवन करें।
  • दही और दूसरे प्रोबायोटिक फूड्स का सेवन करें।  यह पाचन में मदद करते हैं और हेल्थ को दुरुस्त करते हैं।