मासिक धर्म यानी पीरियड्स महिलाओं में होने वाली प्राकृतिक प्रक्रिया है। हालांकि, इस दौरान कई महिलाएं कई तरह की परेशानियों का सामना भी करती हैं। कुछ महिलाओं को पीरियड्स के समय पेट, सिर और पैरों में तेज दर्द होता है, तो कुछ महिलाओं को चिड़चिड़ेपन और मूड स्विंग्स की समस्या होती है। इन सब के अलग कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जिन्हें पीरियड्स से कुछ दिन पहले या उस दौरान तेज बुखार हो जाता है। इसे ‘पीरियड फ्लू’ (Period Flu) कहा जाता है। अब, पीरियड फ्लू होने का क्या कारण है, आइए जानते हैं इसके बारे में, साथ ही जानेंगे कुछ तरीके जिनकी मदद से इस तरह की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है।

क्या है पीरियड फ्लू का कारण?

एक्सपर्ट्स की मानें, तो पीरियड फ्लू के कई कारण हो सकते हैं, जैसे पीरियड्स के दौरान महिला के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव। हालांकि, एक तरह से देखा जाए तो पीरियड्स से अलग भी कई बार महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या हो ही जाती है, लेकिन हर बार उन्हें बुखार नहीं आता है। यानी हार्मोन्स का असंतुलित होना पीरियड फ्लू का सटीक कारण नहीं है। इससे अलग कई हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इंफेक्शन और अन्य अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों को इसकी वजह बताया है।

कैसे मिलेगी पीरियड फ्लू से निजात?

पीरियड फ्लू से निजात पाने के लिए महिलाओं को सबसे पहले अपनी सेहत पर खास ध्यान देने की जरूत है। इसके लिए महिलाएं-

बैलेंस डाइट लें:

बैलेंस डाइट केवल पीरियड्स के समय ही नहीं, बल्कि हर रोज जरूरी है। इससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व, विटामिन मिलते हैं जो आपको किसी भी तरह के फ्लू या बीमारी से बचाते हैं। इसी कड़ी में पीरियड्स के दौरान महिलाएं अपनी डाइट में आयरन, कैल्शियम, विटामिन और खनिजों से भरपूर फूड्स को शामिल करना बिल्कुन ना भूलें।

नींद से ना करें समझौता:

नींद की कमी किसी की भी इम्यूनिटी को कमजोर बना सकती है। ऐसे में किसी भी तरह के फ्लू या बीमारी की चपेट में आना बेहद आसान हो जाता है, इसलिए जरूरी है कि महिलाएं अपनी नींद के साथ समझौता बिल्कुल ना करें। नींद की कमी आपको कमजोर कर सकती है, इसलिए हर रात खासकर पीरियड्स के दौरान कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें।

स्ट्रेस से बनाए दूरी:

तनाव भी आपके इम्यून सिस्टम पर असर डालता है और इससे भी महिलाएं पीरियड फ्लू की चपेट में आ जाती है। ऐसे में कोशिश करें कि पीरियड्स के दौरान किसी भी तरह की स्ट्रेस से खुद को बचाएं। इसके लिए आप तमाम तरह के योगासन का सहारा ले सकती हैं।

हाइड्रेटेड रहें:

किसी भी आम दिन की तरह महिलाओं के लिए पीरियड्स के समय भी हाइड्रेट रहना बेहद जरूरी है। पानी की पर्याप्त मात्रा बॉडी के तापमान को नियंत्रित करती है और इस तरह किसी भी तरह के फ्लू से बचा जा सकता है।

FAQs

पीरियड में होने वाले दर्द और ऐंठन से छुटकारा पाने के लिए कौन से योगासन किए जा सकते हैं?

बटरफ्लाई पोज करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और इससे पीरियड्स के दौरान दर्द और ऐंठन से राहत मिलती है। इससे अलग आप उपविष्ठ कोणासन और बालासन का सहारा भी ले सकती हैं।

पीरियड्स में कितना देरी होना नॉर्मल है?

महिलाओं का पीरियड साइकिल 28 दिनों का होता है अगर आपको 28 दिनों के बाद 4-5 दिन पीरियड्स देर से आ रहा हैं, तो उसे लेट पीरियड माना जाएगा।