Exploding Head Syndrome: भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में तनाव का लेवल बढ़ता ही जा रहा है। अधिकतर लोगों का कामकाज में व्यस्त होने के चलते पूरा डेली रूटीन बिगड़ गया है, जिसके चलते कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी शरीर में तेजी से कब्जा कर रही हैं। तनाव एक ऐसी समस्या बनकर उभर रही है जो नींद और लाइफस्टाइल दोनों का प्रभावित कर रही है। ऐसे स्थिति में कई बार लोगों को अचानक से सिर का चकराना, तेज दर्द और कुछ टूटने या विस्फोट होने आवाज महसूस होती है। हालांकि, अधिकतर लोग सिर दर्द को एक आम समस्या समझकर इग्नोर कर देते हैं, लेकिन इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए गंभीर हो सकती है। इस स्थिति को एक्सप्लोडिंग हेड सिंड्रोम कहा जाता है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनसुर, एक्सप्लोडिंग हेड सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। अगर, आपको कभी अचानक सिर में तेज दर्द होता है और साथ में धमाके, तेज आवाज या बिजली कड़कने जैसी आवाज महसूस होती है, तो यह Exploding Head Syndrome (EHS) हो सकता है, जिसे लोग अक्सर स्ट्रेस, माइग्रेन या नींद की कमी आदि का कारण समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह समस्या बार-बार हो रही है, तो इसे हल्के में न लें। चलिए आपको बताते हैं एक्सप्लोडिंग हेड सिंड्रोम (What is Exploding Head Syndrome) क्या है और इससे राहत पाने के उपाय।

क्या है एक्सप्लोडिंग हेड सिंड्रोम?

मनोचिकित्सक डॉ युवराज पंत के मुताबिक, एक्सप्लोडिंग हेड सिंड्रोम यानी ईएचएस एक स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति को नींद में या सोने से ठीक पहले बहुत तेज आवाज, धमाका या सिर में तेज झटका महसूस होता है। हालांकि, असल में कोई बाहरी आवाज नहीं होती, लेकिन दिमाग इसे महसूस करता है। इस समस्या को एपिसोडिक क्रेनियल सेंसरी शॉक भी कहा जाता हैं।

एक्सप्लोडिंग हेड सिंड्रोम के लक्षण

  • अचानक सिर में तेज दर्द या झटका महसूस होना
  • तेज धमाके, पटाखे, गन शॉट, या बिजली कड़कने जैसी आवाज सुनाई देना
  • गहरी नींद के बावजूद नींद अचानक से खुल जाना
  • दिल की धड़कन तेज हो जाना
  • शरीर में झटके महसूस होना
  • तनाव, डिप्रेशन और एंग्जायटी डिसऑर्डर बने रहना

एक्सप्लोडिंग हेड सिंड्रोम से कैसे बचें?

एक्सप्लोडिंग हेड सिंड्रोम से बचने के अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने होंगे। जिसमें रोजाना 7-8 घंटे की गहरी और पूरी नींद लेना बहुत ही जरूरी है। सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल, लैपटॉप और टीवी से दूरी बनाना आवश्यक है। इससे दिमाग शांत रहता है। इसके साथ ही मानसिक शांति को बनाए रखने के लिए तनाव को कम करें। इसके लिए योग और मेडिटेशन करें, ये दिमाग को शांत रखता है।

इसके अलावा इस समस्या से निजात पाने के लिए सही खानपान भी जरूरी है। ऐसे में कैफीन, अल्कोहल और निकोटीन कम करें, क्योंकि ये न्यूरोलॉजिकल एक्टिविटी को प्रभावित कर सकते हैं और मैग्नीशियम और विटामिन B-Complex से भरपूर आहार का सेवन करें, जो दिमाग को शांत रखते हैं। इसके साथ ही फिजिकल एक्टिविटी पर भी ध्यान दें।

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