एनोरेक्सिया नर्वोसा एक तरह का ईटिंग डिसऑर्डर है जिसके दौरान लोगों को वजन बढ़ने का इतना अधिक डर रहता है कि वो खाना खाने से ही डरने लगते हैं और उनका वजन बहुत कम हो जाता है। इसके अलावा एनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित व्यक्ति भोजन करने से वजन बढ़ने के डर से खाना ही छोड़ देते हैं या बिल्कुल कम कर देते हैं जिसका नकारात्मक प्रभाव उनके शरीर पर पड़ता है। सामान्य से कम वदन होना, शारीरिक छवि का नकारात्मक होना, भोजन से दूर रहना आदि एनोरेक्सिया नर्वोसा के संकेत हैं। आइए जानते हैं क्या है एनोरेक्सिया नर्वोसा के लक्षण और इससे बचाव के तरीके।

क्या है एनोरेक्सिया नर्वोसा:
एनोरेक्सिया नर्वोसा ईटिंग डिसऑर्डर या खाने से जुड़ा मानसिक विकार है जिसके कारण बहुत से लोग के जरूरत से ज्यादा वजन कम कर लेते हैं। जो लोग इस तरह के डिसऑर्डर के शिकार होते हैं वह अपने भोजन और भोजन में मौजूद पोषक तत्वों को लेकर काफी ज्यादा चिंतित होते हैं। उन्हें इस बात की चिंता रहती है कि ज्यादा कैलोरी और फैट के सेवन से उनका वजन बहुत ज्यादा तो नहीं बढ़ जाएगा। इस तरह का ईटिंग डिसऑर्डर महिलाओं में अधिक पाया जाता है।

एनोरेक्सिया नर्वोसा के लक्षण:

1. थकावट रहना
2. इनसोम्निया
3. बालों का झड़ना और बालों का पतला होना
4. कब्ज की शिकायत अधिक रहना
5. ब्लड प्रेशर कम होना
6. त्वचा का रुखा होना
7. चिड़चिड़ापन
8. भूख को अनदेखा करना
9. खाने को लेकर दिलचस्पी ना होना
10. बहुत अधिक व्यायाम करना
11. पब्लिक में खाना खाने से बचना
12. भावनाओं की कमी

एनोरेक्सिया नर्वोसा से कारण:
इस तरह के विकार के लिए जिम्मेदार कारण ठीक तरह से स्पष्ट नहीं है। हालांकि इनके लिए अनुवांशिकता और हार्मोनल बदलावों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। इसके अलावा, हमारे आस पास का माहौल भी इस मनोविकार के पीछे जिम्मेदार हो सकता है।

एनोरेक्सिया नर्वोसा के उपचार:
एनोरेक्सिया नर्वोसा का इलाज दो तरीकों से किया जाता है। आप इसके लिए डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। डॉक्टर आपको दवाईयों और थेरेपी की सलाह देगा।

थेरेपी ट्रीटमेंट में तीन तरह की थेरेपी इंडिविजुअल थेरेपी, फैमली थेरेपी और ग्रुप थेरेपी शामिल हैं। इसके अलावा मेडिकल ट्रीटमेंट में डिप्रेशन और एंग्जायटी की दवाईयों का इस्तेमाल किया जाता है।