Stomach Ache in Diabetics: डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है जिसे मैनेज करना आसान नहीं होता है। मरीजों को अपने लाइफस्टाइल में कई बदलाव करने की जरूरत होती है। साथ ही, समय-समय पर दवाइयों का सेवन भी जरूरी है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक मधुमेह रोगियों के शरीर में कई बदलाव आते हैं, इससे पाचन और गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट पर भी असर होता है। कई बार डायबिटीज में पेट दर्द की शिकायत भी हो सकती है। जानिये –

क्या है वजह: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब किसी व्यक्ति को पता चलता है कि वो डायबिटीज से ग्रस्त हैं तो अपने डाइट संबंधी आदतों में लोग सबसे पहले बदलाव करते हैं। विशेषज्ञ लोगों को ज्यादा से ज्यादा खाने में फाइबरयुक्त फूड्स शामिल करने की सलाह देते हैं। भोजन में मौजूद फाइबर आपके शरीर में बगैर गैर जरूरी कैलोरीज के ताकत भरता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कंट्रोल में रखता है। लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन पेट के लिए हानिकारक हो सकता है।

फाइबर का ज्यादा सेवन: ज्यादा फाइबर के सेवन से पेट में गैस और ब्लोटिंग की दिक्कत हो सकती है। इस वजह से मरीजों को पेट में दर्द की परेशानी हो सकती है। ऐसे में मरीजों को अचानक से ही डाइट में फाइबर की खुराक को बढ़ाने से बचना चाहिए। पाचन संबंधी दूसरी दिक्कतों से बचने के लिए भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही, दाल और लेंटिंल्स के सेवन से पहले कम से कम 8 घंटे पानी में भिगोएं और उस पानी को फेक दें।

कुछ दवाइयों का सेवन: कुछ प्रिस्क्राइब्ड दवाइयां जो ब्लड ग्लूकोज लेवल को कम करने में मददगार माना जाता है, इनके सेवन से भी आंतें प्रभावित होती हैं। एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि मरीजों को शुरुआत में लो डोज दवाइयों का सेवन करना चाहिए और धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ानी चाहिए।

मेटफॉर्मिन: टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए मेटफॉर्मिन एक नॉर्मल दवा है जो कुछ मामलों में हार्टबर्न, नॉसिया और डायरिया जैसी परेशानी खड़ी कर सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक 5 से 10 परसेंट लोग इस दवा को पचा नहीं पाते हैं और पेट संबंधी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं।

अनियमित शुगर लेवल: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक ब्लड शुगर लेवल अगर ज्यादा हाई या फिर लो हो जाए तो पेट में असुविधा हो सकती है। अगर आपको दस्त की परेशानी है और ब्लड शुगर प्रॉब्लम से ग्रस्त हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।