देशभर में एक बार फिर डेंगू (Dengue) का प्रकोप देखने के मिल रहा है। बीते शुक्रवार को इस गंभीर बीमारी के चलते 28 वर्षीय डॉक्टर की कोलकाता के एक अस्पताल में मौत हो गई। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 28 वर्षीय डॉक्टर देबोद्युति चट्टोपाध्याय ने डेंगू हेमरेज शॉक सिंड्रोम (Dengue Hemorrhage Shock Syndrome) के कारण इस दुनिया को अलविदा कह दिया। इसके बाद से ही एक बार फिर इस खतरनाक बीमारी को लेकर लोगों में खौफ देखने को मिल रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर देबोद्युति चट्टोपाध्याय का हाल ही में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था, लेकिन सर्जरी के बाद उन्हें डायबिटीज और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई।

क्या है डेंगू हेमरेज शॉक सिंड्रोम?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डेंगू हेमरेज शॉक सिंड्रोम डेंगू का ही बढ़ा हुआ या अगला रूप है। यह डेंगू बुखार की दूसरी और तीसरी स्‍टेज में होता है। डेंगू से पीड़ित होने पर शख्स को तेज बुखार आता है, धीरे-धीरे तेज दर्द पीड़ित के शरीर को जकड़ना शुरू कर देता है, होंठ नीले पड़ने लगते हैं और पीड़ित अचानक अधिक बेचैन हो उठता है। बहुत तेज बुखार के बाद भी पीड़ित की त्वचा ठंडी पड़ जाती है। धीरे-धीरे मरीज अपने होश खोने लगता है और पेशेंट का रक्तचाप भी एकदम कम हो जाता है। मरीज की नब्‍ज बहुत धीमे चलने लगती है। इससे मरीज लगभग सदमे की हालत में आ जाता है। इसलिए इसे डेंगू शॉक सिंड्रोम कहा जाता है।

किन लोगों को है अधिक खतरा?

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि डेंगू हेमरेज शॉक सिंड्रोम (DHSS) मुख्य रूप से उन लोगों को अधिक प्रभावित करता है जो पहले डेंगू वायरस के विभिन्न सीरोटाइप के संपर्क में आ चुके हैं। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में डेंगू का प्रकोप है, वहां रहने वाले या यात्रा करने वाले लोगों को भी इसका खतरा है। डेंगू संक्रमण के इतिहास वाले लोग और छोटे बच्चे विशेष रूप से डीएचएसएस के प्रति संवेदनशील होते हैं। इसके अलावा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को भी अधिक जोखिम हो सकता है।

किन बातों पर ध्यान रखना है जरूरी?

डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स काउंट के साथ-साथ ब्‍लड प्रेशर पर ध्यान देना भी बेहद जरूरी है। अगर बीपी घटने लगे तो स्थिति गंभीर हो जाती है। इस स्थिति में बिना अधिक देरी किए मरीज को तुरंत अस्‍पताल में भर्ती कराना सबसे जरूरी है।

क्या है बचाव का तरीका?

  • डेंगू की गंभीर बीमारी से बचाव के लिए साफ-सफाई सबसे जरूरी है।
  • डेंगू के मच्छर पानी में अधिक तेजी से पनपते हैं, ऐसे में अपने आसपास पानी को जमा ना होने दें। बर्तन, टंकी आदि को हमेशा ढककर रखें। जरूरत हो तो कीटाणु नाशक का उपयोग कर सकते हैं।
  • डेंगू के मच्छर सुबह और शाम के समय ज्यादा सक्रिय रहते हैं। ऐसे में इस समय बाहर निकलने से बचें या बाहर जाते समय पूरी बाजू के कपड़े पहनें, साथ ही बॉडी को ढककर रखें, ताकि मच्छरों के काटने की संभावना कम हो।
  • वहीं, अगर आप इस बीमारी की चपेट में आ गए हैं या आपको हल्का बुखार महसूस हो रहा है, तो अपने खानपान का भी अधिक ध्यान रखें। ऐसी स्थिति में अधिक मसालेदार खाना, नॉनवेज और कैफीन से जुड़ी चीजों जैसी कॉफी से दूरी बना लें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।