Cervical Cancer: कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। शरीर में एक बार कैंसर घर बना लेता है तो यह धीरे-धीरे बढ़ता चला जाता है और अंत में पीड़ित की जान तक चली जाती है। कैंसर कई प्रकार के होते हैं, इसलिए कैंसर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का रिस्क तेजी से बढ़ रहा है। वहीं, कैंसर के प्रति हर साल 4 फरवरी वर्ल्ड कैंसर डे (World Cancer Day) मनाया जाता है। WHO के मुताबिक, सर्वाइकल कैंसर को दुनिया का चौथा आम कैंसर है, जो महिलाओं को सबसे अधिक प्रभावित कर रहा है। इसी तरह सर्वाइकल कैंसर भारत में दूसरे नंबर पर है। चलिए आपको बताते हैं भारत में सर्वाइकल कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा महिलाओं को क्यों होता है। इसके अलावा सर्वाइकल कैंसर के लक्षण क्या हैं और सर्वाइकल कैंसर के बचाव क्या है?

सर्वाइकल कैंसर क्या है?

सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) में होने वाला एक प्रकार का कैंसर है। यह कैंसर मानव पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण से जुड़ा होता है, जो यौन संचारित संक्रमण है। समय रहते इसका पता न चले, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। भारत में महिलाओं को ये कैंसर बहुत प्रभावित करता है।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

मेदांता डॉट कॉम में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स में बढ़ने वाला एक कैंसर है। सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती समय में ज्यादा खास लक्षणों का पता नहीं चलता, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता है तो कुछ लक्षण दिखाई देने शुरू होते हैं। ऐसे में इन लक्षणों की समय रहते पहचान करना बहुत जरूरी है, इसके चलते शरीर में कुछ बदलाव भी होते हैं। सर्विक्स महिलाओं के गर्भाशय का निचला हिस्सा होता है, जो गर्भाशय और महिलाओं की योनि को आपस में जोड़ता है।

  • डिस्चार्ज- महिला को प्राइवेट पार्ट से अधिक डिस्चार्ज की समस्या हो रही है, तो यह सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है।
  • पेल्विक दर्द- इसका संबंध पीठ के निचले हिस्से में दर्द और यूरिनल एरिया में दर्द महसूस होना है।
  • पेशाब में दर्द- पेशाब करते समय जलन या दर्द महसूस होना भी सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है।
  • थकावट और वजन घटना- बिना किसी कारण के थकावट और वजन घट रहा है तो सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है।

सर्वाइकल कैंसर के बचाव के उपाय

  • HPV वैक्सीन-  यह टीका सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए सबसे प्रभावी तरीका है। यह वैक्सीन 9-14 वर्ष की लड़कियों को दी जा सकती है और युवतियों के लिए भी उपलब्ध है। यह वायरस के हाई जोखिम वाले प्रकारों से बचाव करता है।
  • पैप स्मीयर टेस्ट- 21 वर्ष की आयु से हर 3 साल में एक बार पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए, जो गर्भाशय ग्रीवा में होने वाले असामान्य बदलावों को पहले ही पहचान लेता है।
  • सुरक्षित यौन संबंध- सुरक्षित यौन संबंध भी जरूरी है और एक से अधिक यौन साथी से बचें, क्योंकि इससे HPV संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है।
  • लाइफस्टाइल और खानपान पर ध्यान- हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ अच्छा और संतुलित आहार का सेवन करें। इसके साथ ही नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।

वहीं, अमेरिका में टुलारेमिया नाम की बीमारी ने लोगों को परेशान कर दिया है। टुलारेमिया को आम भाषा में रैबिट फीवर (Rabbit Fever) कहा जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में रैबिट फीवर से परेशान मरीजों की संख्या में 50 प्रतिशत से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।