ADHD डिसऑर्डर यानी अटेंशन डिफीसिटएट हाइपरएक्टिव डिसऑर्ड एक तरह की न्यूरो डेवलेपमेंटल स्थिति है। ये बीमारी तेजी से बच्चों से लेकर बड़ों तक को अपना शिकार बना रही है। बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट भी ADHD की समस्या से जूझ रही हैं। ये बीमारी 20 साल से 27 साल के युवाओं को अधिक प्रभावित कर रही है। दिल्ली के AIIMS अस्पताल में अटेंशन डिफीसिटएट हाइपरएक्टिव डिसऑर्ड की शिकायत ज्यादा मिल रही है। चलिए आपको बताते हैं ADHD क्या है और ADHD डिसऑर्डर से कैसे बचाव किया जा सकता है।
युवाओं में तेजी से बढ़ रही ADHD की समस्या
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मनोचिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. रोहित वर्मा ने बताया कि 20 से 27 साल के युवाओं में किसी काम या खेल में ध्यान न लगा पाना, कोई बात स्पष्ट कहने पर भी ध्यान न देना, बातों को मानने में कठिनाई होना, काम करना भूल जाना या न कर पाना और आउट ऑफ जोन आदि की शिकायत अधिक हो रही है, जो अटेंशन डिफीसिटएट हाइपरएक्टिव डिसऑर्ड ADHD के सामान्य लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि इस स्थिति से हर साल लाखों बच्चे प्रभावित होते हैं। इससे उनके काम और निजी जीवन पर असर पड़ रहा है।
यूके में एक अध्ययन के मुताबिक, ऐसे मामले महत्वपूर्ण हो गए हैं, जिसमें बताया गया है कि एडीएचडी से पीड़ित वयस्क कैसे कम जीवन जी रहे हैं। कैम्ब्रिज.ऑर्ग में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि यह एडीएचडी, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य स्थितियों में परिवर्तनीय जोखिम कारकों और अधूरे उपचार के कारण होता है। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि यूके में लगभग 3% वयस्कों में एडीएचडी से पीड़ित हैं।
क्या वयस्कों में ADHD हो सकता है?
वयस्कों में भी ADHD हो सकता है। हालांकि, यह स्थिति बच्चों में ज्यादा देखी जाती है। अगर, बचपन में इस समस्या का ध्यान नहीं दिया जाता तो ये बड़े होते-होते ज्यादा परेशान कर सकती है। वयस्कों में ADHD का निदान करना मुश्किल हो सकता है। खराब लाइफस्टाइल, आहार, तनाव और चिंता फिर से उभरने के लिए ट्रिगर हो सकते हैं। हालांकि, इस स्थिति में समस्या यह है कि वयस्कों में ADHD के निदान के लिए कोई मानक मानदंड नहीं है, जब तक कि उन्हें बचपन में पहले से ही निदान न किया गया हो। 18 वर्ष के बाद नए लक्षणों की रिपोर्ट करने वाले किसी भी व्यक्ति का बचपन के मानदंडों के अनुसार निदान नहीं किया जा सकता है।
क्या है ADHD का इलाज?
अटेंशन डिफीसिटएट हाइपरएक्टिव डिसऑर्ड यानी ADHD के इलाज की बात की जाए तो शुरुआती तौर पर इसे परिवार और दोस्तों के साथ बातचीत करने के साथ-साथ व्यवहार में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है। हालांकि, एडीएचडी के गंभीर मामलों में दवा, मनोचिकित्सा के साथ थेरेपी की जरूरत पड़ सकती है।
वहीं, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, किशमिश वाला दूध सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यह एक प्राकृतिक टॉनिक की तरह काम करता है, जो पाचन को सुधारता है और शरीर को एनर्जी देता है, क्योंकि शमिश में एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में होते हैं, जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाते हैं।