भारत के ज्यादातर घरों में खाने के बाद कुछ मीठा खाने की परंपरा पुरानी रही है। हालांकि बहुत से लोग इस आदत को केवल स्वाद से जोड़ते हैं, लेकिन क्या यह सच में सेहत के लिए सही है? आयुर्वेद के मुताबिक खाने के बाद मीठा खाने से पाचन अग्नि संतुलित होती है। थोड़ी मात्रा में मीठा खाने से पाचन रस का स्राव बढ़ता है, जिससे खाना आसानी से पच जाता है और भोजन का रस टिश्यूज़ में ठीक तरह से परिवर्तित होता है। खाने के बाद कुछ मीठा खाने से संतुष्टि मिलती है। आजकल लोग खाने के बाद मीठा खाने की क्रेविंग मिठाइयां खाकर पूरी करते हैं। इन मिठाईयों में फैट और शुगर भरपूर होता है जो न सिर्फ ब्लड शुगर लेवल बढ़ाता हैं बल्कि मोटापा भी बढ़ाता है। आयुर्वेद में खाने के बाद मीठा खाने की क्रेविंग के लिए सदियों से हेल्दी ऑप्शन मौजूद है जिसे हमने धीरे-धीरे अपनी थाली से स्किप कर दिया है।

आदर्श आयुर्वेदिक फार्मेसी, हरिद्वार, उत्तराखंड  में डॉक्टर दीपक कुमार ने बताया खाने के बाद गुड़ खाने से खाना जल्दी हजम होता है और पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। आयुर्वेद के मुताबिक गुड़ और घी का मिश्रण, जो न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट है बल्कि पाचन के लिए भी अमृत है। इन दोनों फूड का कॉम्बिनेशन मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है।

गुड़ और घी का कनेक्शन हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है, खासतौर पर ठंड के मौसम में इसका सेवन शरीर को कई तरह से पोषण और ताकत देता है। आयुर्वेद के अनुसार, गुड़ और घी को साथ में लेने से शरीर की कई समस्याएं दूर होती हैं और ये कॉम्बिनेशन एक तरह का प्राकृतिक टॉनिक की तरह काम करता है। आइए जानते हैं कि खाने के बाद गुड़ और घी खाने से पाचन से लेकर ओवर ऑल सेहत पर कैसा होता है असर। 

पाचन होता है दुरुस्त

गुड़ और घी का सेवन करने से पाचन से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है। गुड़ और घी दोनों मिलकर कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी परेशानियों को दूर करते हैं। घी आंतों को चिकनाई देता है, जबकि गुड़ पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करता है। इससे भोजन का पाचन आसान होता है और बवासीर जैसी समस्याओं से भी बचाव होता है। खाने के बाद एक चम्मच गुड़ और घी खाने से पाचन एंजाइम्स का स्राव बढ़ता है, जिससे भोजन आसानी से पचता है और पेट हल्का महसूस होता है। घी में ब्यूट्रिक एसिड और हेल्दी फैट्स प्रचुर मात्रा में होता हैं। यह आंतों को चिकनाई देता है, जिससे मल त्याग आसान होता है और कब्ज की समस्या कम होती है।

इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पेट की परत को शांत करते हैं और पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करते हैं। इसलिए घी न केवल पाचन में मददगार है बल्कि शरीर को पोषण देने वाला तत्व भी है। खाने के बाद एक छोटा चम्मच गुड़ और घी खाने से पाचन एंजाइम का स्राव बढ़ता है, जिससे भोजन आसानी से पचता है और पेट हल्का महसूस होता है।  गुड़ और घी का मिश्रण शरीर के दोषों (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने में मदद करता है।

हड्डियां होती हैं मजबूत

गुड़ और घी को मिलाकर खाने से हड्डियां मजबूत होती है। गुड़ में मौजूद मैग्नीशियम और घी में पाए जाने वाले विटामिन K2 मिलकर हड्डियों में कैल्शियम को सही ढंग से अवशोषित करने में मदद करते हैं। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं, जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है और उम्र बढ़ने पर भी शरीर लचीला बना रहता है।

ब्लड होता है प्यूरीफाई

गुड़ एक प्राकृतिक ब्लड डिटॉक्सिफायर माना जाता है। यह शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। जब इसे घी के साथ मिलाकर खाया जाता है तो ये स्किन को हेल्दी, चमकदार और साफ बनाता है। इससे चेहरे पर निखार आता है। खाने के बाद इन दोनों फूड्स को खाने से फोड़े-फुंसी, दाद-खुजली जैसी समस्याएं कम होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।

महिलाओं को पीरियड पेन में मिलती है राहत

खाने के बाद गुड़ और घी खाने से महिलाओं को पीरियड्स पेन से राहत मिलती है। गुड़ और घी दोनों ही शरीर में गर्मी और पोषण देते हैं, जिससे पेट दर्द और ऐंठन से राहत मिलती है।

गुड़ और घी सेवन करने का तरीका

खाने के लगभग 10 मिनट बाद एक चम्मच देसी घी में एक छोटा टुकड़ा गुड़ मिलाकर खाएं। इससे भोजन का पाचन बेहतर होता है और शरीर को दिनभर ऊर्जा मिलती है।

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