डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी है। ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने से बॉडी में कई तरह की बीमारियों का खतरा हो सकता है। डायबिटीज दो तरह की होती है टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज। टाइप-1 डायबिटीज में पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देता है जबकि टाइप-2 डायबिटीज में पैंक्रियास इंसुलिन का कम उत्पादन करता है। दोनों तरह की डायबिटीज में मरीज में एक जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।

सक्रिय लाइफस्टाइल और डाइट पर कंट्रोल करके शुगर को कंट्रोल में रखा जा सकता है। डायबिटीज के मरीजों को रोजाना शुगर की जांच करना जरूरी है। इन मरीजों को पता होना चाहिए कि फॉस्टिंग से लेकर लंच और डिनर के बाद तक उनके ब्लड में शुगर का स्तर कितना होना चाहिए। खाने के बाद डायबिटीज के मरीजों के ब्लड में शुगर का स्तर 140 mg/dl नॉर्मल माना जाता है।

डिनर के बाद 150 mg/dl का ब्लड शुगर लेवल सामान्य माना जाता है। अगर ब्लड में शुगर का स्तर 350 mgdlको पार कर जाए तो ये बॉडी को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं कि अगर ब्लड में शुगर का स्तर 350 mgdlको पार कर जाए तो उससे बॉडी को कौन-कौन से नुकसान पहुंच सकते हैं और उसे कैसे कंट्रोल किया जाए।

शुगर बढ़ने पर बॉडी को होने वाले नुकसान: ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने पर बॉडी में कई तरह के नुकसान पहुंच सकते हैं। शुगर बढ़ने पर व्यक्ति को अधिक प्यास लगती है और उसे हर वक्त थकान महसूस होती है। लगातार शुगर हाई रहने से वजन कम होने लगता है और आंखों से धुंधला दिखने लगता है। बार-बार पेशाब आना, बेहोशी और उल्टी का अहसास होने जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

शुगर को कंट्रोल करने के लिए उपाय:

  • ब्लड में शुगर का स्तर हाई है तो वॉक करें। बॉडी सक्रिय रहती हैं तो शुगर कंट्रोल रहती है।
  • डायबिटीज बढ़ने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं और डाइट चार्ट के मुताबिक ही डाइट लें।
  • कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड का सेवन करें।
  • डाइट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें और फाइबर का सेवन ज्यादा करें।
  • शुगर कंट्रोल करने के लिए पानी का सेवन अधिक करें। बॉडी हाइड्रेट रहती है तो आपको ज्यादा यूरिन आता है और शुगर कंट्रोल रहती है। प्रतिदिन 8 गिलास पानी का सेवन करने से ब्लड में शुगर के स्तर को कम किया जा सकता है।
  • शुगर ज्यादा हो गया है तो खाने के बाद वॉक जरूर करें।