हम रोजाना की डाइट में जितने भी फूड का सेवन करते हैं उसमें सबसे ज्यादा अनहेल्दी फूड चीनी है। सफेद चीनी जिसका सेवन हम चाय, कॉफी, शरबत और मिठाइयों में कई तरह से करते हैं। सफेद चीनी यानि रिफाइंड शुगर सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित होती है। चीनी में सुक्रोज (sucrose) मौजूद होता है जो शरीर में ऊर्जा के रूप में उपयोग होता है। चीनी का लगातार और ज्यादा सेवन करने से सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचता है। सुक्रोज ऐसी शुगर है जिसमें ग्लूकोज और फ्रुक्टोज नामक दो तरह की शुगर मौजूद होती है। जब हम चीनी का सेवन करते हैं तो यह दो शर्कराओं में टूट जाती है और ब्लड में शुगर के स्तर को बढ़ाती है जिससे बॉडी को एनर्जी मिलती है। फ्रुक्टोज को सीधे लिवर में metabolize किया जाता है। ज्यादा फ्रुक्टोज का सेवन करने से लिवर में अतिरिक्त फैट (fat) जमा होने लगता है जिससे फैटी लिवर (fatty liver) की परेशानी हो सकती हैं।
भारतीय योग गुरु, लेखक, शोधकर्ता और टीवी पर्सनालिटी डॉक्टर हंसा योगेंद्र के मुताबिक अगर आप रिफाइंड शुगर का सेवन एक महीने तक नहीं करें तो आपकी सेहत पर चमत्कारिक फायदे दिखेंगे। एक्सपर्ट ने बताया अगर आप चीनी का सेवन सीमित करें तो ये स्वीट आपको स्वीट एनर्जी देगी और ज्यादा सेवन करेंगे तो ये आपकी बॉडी के लिए जहर बन जाएगी। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि रोजाना एक महीने तक चीनी का सेवन नहीं करने से सेहत पर कैसा होता है असर।
तत्काल शरीर में दिखेंगे ये बदलाव
अगर आप एक महीने तक चीनी का सेवन नहीं करेंगे तो आपकी बॉडी में एनर्जी के स्तर में बदलाव होगा। एनर्जी के स्तर में कमी हो सकती है और पाचन पर भी असर पड़ सकता है। आपकी बॉडी चीनी का कम सेवन करने के लिए धीरे-धीरे अनुकूल होगी। अगर आप चीनी का सेवन करना अचानक बंद कर देंगे तो पाचन संबंधी समस्याएं जैसे ब्लोटिंग और अनियमित मल त्याग जैसी परेशानी हो सकती है।
एक हफ्ते में मीठे की क्रेविंग हो जाएगी कंट्रोल
अगर आप एक हफ्ते तक चीनी का सेवन नहीं करेंगे तो आपकी मीठा खाने की क्रेविंग कंट्रोल हो जाएगी जिससे आप मीठी चीजों से परहेज कर सकते हैं। एक हफ्ते तक मीठा नहीं खाने से एनर्जी लेवन स्टेबल होने लगता है।
मानसिक स्थिति में होता है सुधार
एक महीने तक अगर चीनी का सेवन नहीं किया जाए तो मानसिक स्थिति में भी सुधार होता है। आप चीजों पर बेहतर तरीके से एकाग्रता के साथ फोकस कर सकते हैं। चीनी नहीं खाने से मानसिक स्पष्टता और फोकस में सुधार होता है, जिससे रोजाना के कामों को मैनेज करना आसान होता है।
ब्लड शुगर रहेगा नॉर्मल
अगर आप एक महीने तक शुगर का सेवन नहीं करते हैं तो आपके ब्लड में शुगर का स्तर नॉर्मल रहेगा। जिन लोगों को डायबिटीज है अगर वो पूरे महीने शुगर का सेवन नहीं करें तो उनकी बॉडी में ब्लड में शुगर का स्तर नॉर्मल रहेगा। डायबिटीज मरीजों के लिए कार्ब्स का सेवन ब्लड में शुगर के स्तर को बढ़ाता है।
बॉडी फैट और वाटर रहता है कंट्रोल
अगर आप रोजाना एक महीने तक चीनी का सेवन नहीं करते हैं तो आपकी बॉडी का फैट और बॉडी वाटर कंट्रोल रहता है। चीनी कार्ब्स है जिसका सेवन करने से बॉडी में कैलोरी की मात्रा बढ़ने लगती है जो बॉडी में फैट के रूप में डिपॉजिट होती है। ये फैट ही वजन को बढ़ाता है। चीनी का सेवन करने से बॉडी में वाटर रिटेंशन का खतरा भी बढ़ने लगता है जिससे बॉडी में पानी का वजन ज्यादा होता है।
मूड होता है बेहतर
अगर आप एक महीने तक चीनी का सेवन नहीं करते तो आपको मूड स्विंग जैसी परेशानी कंट्रोल रहती है। कम चीनी का सेवन आपके मिजाज को भी ठीक करता है।
पाचन होता है दुरुस्त
नियमित मल त्याग करने से पाचन पर भी असर पड़ता है। बेहतर पाचन से मतलब है कि कब्ज, एसिडिटी और अपच जैसी परेशानी कंट्रोल रहती है। चीनी का कम सेवन पाचन को दुरुस्त करता है और ब्लोटिंग को कंट्रोल करता है।
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