खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल का असर हमारे पाचन पर साफ देखने को मिलता है। कुछ लोग पाचन से जुड़ी परेशानी एसिड रिफ्लक्स से बेहद परेशान रहते हैं और उसका उपचार खोजने के लिए तरह-तरह के देसी नुस्खों को अपनाते हैं। एसिड रिफ्लक्स एक आम पाचन समस्या है जिससे राहत पाने के लिए कई लोग प्राकृतिक उपचार खोजते हैं। सोशल मीडिया पर इस परेशानी का इलाज करने के लिए कई तरह के उपचार सुझाए जाते हैं। 

कंटेंट क्रिएटर कीर्ति तेवानी ने सोशल मीडिया पर सुझाव दिया है जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। कंटेंट क्रिएटर ने सोशल मीडिया पर एक रील में बताया कि हर सुबह धनिये के बीज के पानी का सेवन करें। अब सवाल ये उठता है कि क्या सचमुच धनिये का पानी पाचन को दुरुस्त कर सकता है और एसिड रिफ्लक्स का उपचार कर सकता है। एक्सपर्ट से जानते हैं कि इस दावे में कितनी सच्चाई है।

धनिया का पानी क्या एसिड रिफ्लक्स का इलाज कर सकता है?

कंसल्टेंट डायटीशियन और सर्टिफाइड डायबिटीज एजुकेटर कनिका मल्होत्रा ने बताया कि धनिये का बीज पाचन से जुड़ी कुछ परेशानियों को दूर कर सकते हैं। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि इस पानी का सेवन करने से पाचन एंजाइम उत्तेजित होते हैं। ये पाचन में सहायता करता है, सूजन और अपच से राहत दिलाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक क्रोनिक एसिड रिफ्लक्स की स्थिति में ये ज्यादा असरदार साबित नहीं होता। कुछ लोगों के मुताबिक यह पेट में एसिड उत्पादन बढ़ाकर लक्षणों को और भी बिगाड़ सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक धनिये के पानी का सेवन करने से सेहत को फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं।

धनिये के पानी का सेवन करने के फायदे

पाचन में करता है सहायता

कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि रोजाना धनिये के पानी का सेवन करने से पाचन एंजाइमों का उत्पादन उत्तेजित होता है और पाचन में मदद मिलती है। इस पानी का सेवन करने से भोजन टूट जाता है और पेट में एसिड नहीं बनता।

ब्लोटिंग और अपच का करता है इलाज

धनिये के पानी का सेवन करने से ब्लोटिंग और अपच से राहत मिलती है। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि धनिये का पान ब्लोटिंग के लिए बेहतर है।

धनिये का पानी पीने से होने वाला जोखिम

कुछ लोगों के लिए धनिये के बीज एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को बिगाड़ सकते हैं, ऐसा इसलिए है क्योंकि वे पेट में एसिड के उत्पादन को उत्तेजित कर सकते हैं, जो अन्नप्रणाली(oesophagus) में वापस आ सकता है और हार्टबर्न का कारण बन सकता है।