शादी खासकर महिलाओं के जीवन में कई बदलाव लाती है। वहीं, कई बार ये बदलाव आपकी सेहत को भी प्रभावित कर सकते हैं। इनमें पीरियड्स साइकिल में बदलाव होना सबसे आम है। कुछ शोध के नतीजे बताते हैं कि कई बार महिलाएं शादी के बाद अनियमित पीरियड्स या पीरियड्स के दौरान पहले के मुकाबले अधिक तेज दर्द, पेट में ऐंठन और कमजोरी जैसी समस्याओं से परेशान रहने लगती हैं। ऐसे में अक्सर उनका सवाल होता है कि ऐसा होना कितना नॉर्मल है, साथ ही इसके पीछे कारण क्या है? यहां हम आपको इन्हीं सवालों के जवाब देने वाले हैं।
इससे पहले जान लेते हैं कि आखिर अनियमित पीरियड्स होते क्या हैं?
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि एक सामान्य मासिक धर्म चक्र यानी पीरियड्स साइकिल 28-35 दिनों का होता है। कई बार इसमें 2-3 दिनों की देरी भी हो जाती है। यानी अगर किसी महिला को एक महीने में पीरियड्स 20 तारीख को आए हैं, तो हो सकता है कि अगले महीने ऐसा 22 या 23 तारीख को हों। ऐसा होना पूरी तरह सामान्य है। हालांकि, अगर आपका साइकिल 28 दिन का है और 29 से 30 दिन तक आपको पीरियड्स नहीं आए हैं, साथ ही हर महीने तारीख में बदलाव हो रहा है तो इसे अनियमित पीरियड्स कहा जाता है।
शादी के बाद क्यों इर्रेगुलर होने लगते हैं पीरियड्स?
बीएमसी महिला स्वास्थ्य जर्नल में प्रकाशित साल 2022 के एक शोध के नतीजें बताते हैं कि शादी के बाद इर्रेगुलर पीरियड्स के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। जैसे-
स्ट्रेस
स्ट्रेस सबसे आम कारण है। शोध के नतीजें बताते हैं कि किसी भी बात का अधिक तनाव आपकी पीरियड्स साइकिल को कंट्रोल करने वाले हार्मोन को अस्थायी रूप से बदल देता है। स्ट्रेस कोर्टिसोल के स्राव को ट्रिगर करता है, जो एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे प्रजनन हार्मोन के उत्पादन में हस्तक्षेप करने लगता है और इसके चलते आपको पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
वजन में उतार-चढ़ाव
वजन में अचानक परिवर्तन होना यानी वजन का बढ़ना या कम होना भी मासिक धर्म चक्र की नियमितता को प्रभावित कर सकता है। इसे लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि खासकर शरीर की चर्बी एस्ट्रोजन की मात्रा को प्रभावित करने लगती है। ज्यादा फैट वाली महिलाएं कम फैट वाली महिलाओं की तुलना में अधिक एस्ट्रोजन का उत्पादन करती हैं। वहीं, एस्ट्रोजन में यह वृद्धि अनियमित, मिस्ड या भारी मासिक धर्म का कारण बनने लगता है।
लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव
शादी के बाद लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव होना भी मासिक धर्म की नियमितता को प्रभावित कर सकता है। ज्यादा भागदौड़ करने पर हार्मोन का स्तर प्रभावित होने लगता है। इसके अलावा सही मात्रा में पोषक तत्वों का सेवन न करने पर भी पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं।
नींद
आपकी नींद की गुणवत्ता हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसे में अगर आप अच्छी नींद नहीं ले रही हैं, तो यह आपके मासिक धर्म की नियमितता को प्रभावित कर सकता है। जर्नल ऑफ स्लीप रिसर्च में प्रकाशित 2021 के एक अध्ययन के अनुसार, खासकर जो महिलाएं रात छह घंटे से कम सोती हैं, उनके मासिक धर्म अनियमित होते हैं।
बर्थ कंट्रोल पिल्स
इन सब से अलग अगर आप बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करती हैं, तो इससे भी आपके पीरियड्स इर्रेगुलर हो सकते हैं।
कब है चिंता करने की जरूरत?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर 40 दिन से ऊपर हो जाने के बाद भी आपको पीरियड्स नहीं आए हैं या पिछली तारीख के 6 हफ्तों तक अगली डेट न आए, तो ये चिंता का विषय है। इस स्थिति में हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह जरूर लें।