फैटी लिवर को मेडिकल भाषा में हेपेटिक स्टीएटोसिस कहा जाता है। खराब खानपान, शराब का अत्याधिक सेवन, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और अस्वस्थ जीवन-शैली के कारण होने वाली बीमारियों में से ये एक है। फैटी लिवर की समस्या लिवर की कोशिकाओं में अधिक फैट जमा होने की वजह से होती है। गंभीर स्थिति में लिवर पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 10 लाख लोग फैटी लिवर की बीमारी का शिकार हो जाते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर समय रहते फैटी लिवर का इलाज ना हो तो इसके कारण लिवर सिरोसिस और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
बता दें कि लिवर शरीर में एनर्जी स्टोर करने, खाना पचाने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो खानपान के साथ-साथ अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी फैटी लिवर की इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे लोगों को अपने रुटीन में योग को शामिल करना चाहिए। योगासन करने से लिवर पर जमा अतिरिक्त फैट कम हो सकता है।
फैटी लिवर में योगासन:
नौकासन: इस आसन का नियमित तौर पर अभ्यास करने से लिवर की कार्यक्षमता में सुधार होता है। इसके अलावा यह पाचन को भी दुरुस्त रखने में मदद करता है। नौकासन के लिए जमीन पर सीधे लेट जाएं। फिर अपने सिर और कंधों को ऊपर उठाएं। बाद में अपने पैरों को भी सीधा करके ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें। अब इसी अवस्था में करीब 5 बार सांस लें और छोड़ें। फिर अपनी पुरानी अवस्था में वापस आ जाएं।
भुजंगासन: भुजंगासन के जरिए भी फैटी लिवर की समस्या को कम किया जा सकता है। इसके लिए पेट के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों को जमीन रखकर शरीर को जितना संभव हो सके उतना ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य तरीकें से सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें। कुछ देर तक इसी अवस्था में रहें और फिर सामान्य हो जाएं।
धनुरासन: इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेटकर अपने दोनों घुटनों को पीछे की तरफ मोड़कर पैरों को हाथों से पकड़ लें। इसके बाद सांस लेते हुए इसी अवस्था में अपने शरीर को उठाने की कोशिश करें। इस आसन में शरीर धनुष के समान लगता है। नियमित तौर पर इसका अभ्यास करने से फैटी लिवर की समस्या से निजात मिल सकता है