Preventing Asthma Symptoms: अस्थमा एक ऐसी समस्या है जो अनुवांशिकता की वजह से हो सकती है। जब आपके फेफड़ों तक हवा आसानी से नहीं जा पाता है तो अस्थमा की समस्या हो जाती है। इसकी वजह से सांस लेने में मुश्किल होती है और आपको सुखी खांसी, घरघराहट और सांसों से जुड़ी समस्या भी होने लगती है। ब्रीदिंग के कारण आपके सांस लेने वाली नली में सूजन हो जाती है जिसकी वजह से अस्थमा अटैक आता है। अस्थमा के कई सामान्य एलर्जेन्स भी होते हैं जैसे- धूल-मिट्टी और मोल्ड। यह प्रदूषण, ठंड और धूम्रपान की वजह से होता है। अस्थमा अटैक की समस्या से कुछ आसान टिप्स का पालन कर के आप निजात पा सकते हैं।

मोल्ड से बचें:
मोल्ड एक ऐसा एलर्जेन्स है जो आपके अस्थमा के लक्षणों को बढ़ावा देता है। मोल्ड आपके कर्टन, टब, टाइल्स और नहाने वाली चीजों में होता है। ऐसे में कोशिश करें कि आप अपने बाथरूम और किचेन की सफाई समय-समय पर करें ताकि आपको एलर्जी ना हो।

धूल-मिट्टी से बचें:
धूल-मिट्टी अस्थमा के बढ़ने का एक बहुत बड़ा कारण होता है क्योंकि इनमें पॉलेन, मोल्ड और डिटरजेंट जैसे टाइनी पार्टिकल्स मौजूद होती है। ऐसे में आपको अपने घर, बेडरूम और कार्पेट को सप्ताह में दो बार जरूर साफ करना चाहिए।

धूम्रपान के सेवन से बचें:
धूम्रपान आपके फेफड़ों में जलन पैदा करता है, खासकर जब आप अस्थमा के रोगी हो। धूम्रपान आपकी अस्थमा की समस्या को बढ़ाता है। इसकी वजह से आपकी कफ और घरघराहट की समस्या और बिगड़ सकती है। ऐसे में धूम्रपान से सेवन से बचें। इसके अलावा धूम्रपान की आदत को कैसे छोड़ें, जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें।

एक्सरसाइज ना करें:
अस्थमा के दौरान एक्सरसाइज करने की वजह से आपकी समस्या बढ़ सकती है। अस्थमा के दौरान एक्सरसाइज करने से आपके फेफड़े और हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है जिसकी वजह से आपको अस्थमा अटैक आ सकता है।

पोषक तत्वों का सेवन करें:
अस्थमा के दौरान पोषक तत्वों का सेवन बहुत लाभकारी होता है। अस्थमा के रोगियों को फ्लेवोनॉइड्स, विटामिन, ओमेगा-3 फैटी एसिड और सेलेनियम का सेवन करना करना चाहिए क्योंकि यह अस्थमा के लक्षणों को कम करता है। हरी सब्जियां और फलों का सेवन आपके लिए लाभकारी होता है।

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