अच्छी सेहत का राज़ हमारे मुंह से जुड़ा है। अगर हमारी ओरल हेल्थ दुरुस्त रहती है तो हमारी ओवर ऑल हेल्थ भी दुरुस्त रहती है। ओरल हेल्थ से मतलब हमारे दांतों और मसूड़ों की सेहत से हैं। दांत ना सिर्फ हमारी खूबसूरती बढ़ाते हैं बल्कि हमारी सेहत को दुरुस्त करते हैं। दांतों की मदद से हम खाना चबाकर खाते हैं जिससे हमारा पाचन दुरुस्त रहता है। दांतों और मसूड़ों की अच्छी हेल्थ हमारी बॉडी को हेल्दी रखती है। दांतों की अच्छी सेहत के लिए दिन में दो बार दांतों की सफाई करना जरूरी है।
आप जानते हैं कि दांतों की अच्छी हेल्थ के लिए सिर्फ दांतों की सफाई करना ही जरूरी नहीं है बल्कि कुछ आदतों में सुधार करना भी जरूरी है। कुछ लोग ऐसे हैं जो रात को सोते समय दांतों को पीसते हैं। सोते समय दांतों को पीसना एक मानसिक स्थिति है जो आपके दांतों को नुकसान पहुंचा रही है। दांतों को पीसने की इस क्रिया को Bruxism डिजीज कहा जाता है जो तनाव को दर्शाता है। डॉक्टरों के मुताबिक सोते समय दांत किटकिटाने की आदत के लिए मानसिक स्थिति जिम्मेदार है।
आयुर्वेद की माने तो दांतों को किटकिटाने का कारण पेट के कीड़ें हो सकते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर प्रताप चौहान के मुताबिक छोटे बच्चों को दांत पीसने की आदत ज्यादा होती है जिसके लिए पेट के कीड़े जिम्मेदार होते हैं। दांतों को किटकिटाने के पीछे और भी कई कारण मौजूद हैं जैसे बहुत थकान होना,बॉडी में पोषक तत्वों की कमी होना,नशीले पदार्थों का सेवन करने से भी नींद में दांत किटकिटाने की आदत बनती है।
आप जानते हैं कि नींद में दांत किटकिटाने से दांत घिस जाते हैं और दांतों में फ्रेक्चर तक हो जाता है। दांतों में फ्रेक्चर होने से दांत को निकालने तक की नौबत आ सकती है। अगर आपके भी दांत घिस रहे हैं तो कुछ फूड्स से परहेज करें और कुछ बातों का ध्यान रखें ताकि Bruxism से बचाव कर सकें। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि Bruxism से बचाव करने के लिए कौन-कौन से उपायों को अपनाएं।
दांत किटकिटाने की आदत है और दांत घिस रहे हैं तो इन फूड्स से रहें दूर
- हार्ड फूड्स का सेवन करना बंद कर दें।
- दांत घिस रहे हैं तो चना का सेवन भूलकर भी नहीं करें।
- अखरोट को दांतों से नहीं तोड़ें
- दांतों की सफ़ाई करें
- दांतों पर कैपिंग करा के दांतों को घिसने से और फ़्रेक्चर से बचाया जा सकता
ब्रुक्सिज्म की वजह से दांतों को होने वाला नुकसान
ब्रुक्सिज्म की वजह से दांतों में खांचे, निशान आना और दांत टूटने की परेशानी हो सकती है। बार-बार दांत रगड़ने से मसूड़ों के ऊतकों में सिकुड़न और दांत की जड़ में खुजली हो सकती है।
घिसाव के कारण दांत संवेदनशील हो सकते हैं।
ब्रुक्सिज्म से बचाव करने के आयुर्वेदिक उपाय
- आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आपको नींद में दांत किटकिटाने की आदत हैं तो आप नींद पूरी लें और मेडिटेशन जरूर करें।
- ऑयल पुलिंग करें। ऑयल पुलिंग से मतलब है कि आयुर्वेद में ऐसे कई तेल है जिनका इस्तेमाल ऑयल पुलिंग के तौर पर किया जाता है। इस तेल को मुंह में डालें और दो तीन मिनट तक मुंह में घुमाएं और फिर उसे थूक दें।
- रात में सोने से पहले आप नाक में अणु तेल का इस्तेमाल करें।
- बच्चा अगर रात को दांत किटकिटाता है तो उसे कीड़ों की दवाई खिलाएं।
- तनाव कम करें। तनाव को दूर करने के लिए आप योगा और व्यायाम करें।
- दांत किटकिटाने की आदत हैं तो आप सोते समय हल्दी के दूध का सेवन करें। हल्दी का दूध बॉडी को पोषण देगा और बॉडी को हेल्दी रखेगा।
- हेल्दी डाइट का सेवन करें। हेल्दी डाइट में आप डेयरी प्रोडक्ट्स, हरी सब्जियां, नट्स, बीज और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें।