वजन बढ़ना सिर्फ पर्सनैलिटी पर असर नहीं डालता, बल्कि शरीर को कई गंभीर बीमारियों के जोखिम में भी डाल देता है। बढ़ता हुआ वज़न दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है, किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है, लिवर में फैट जमा करता है और डायबिटीज, हाई बीपी जैसी क्रॉनिक बीमारियों का खतरा बढ़ाता है। वजन बढ़ने के लिए तनाव, खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है।
कुछ लोगों का मानना है कि ज्यादा खाने से और कम बॉडी को एक्टिव रखने से वजन बढ़ता है, ये सच है कि बॉडी एक्टिविटी और डाइट मायने रखती है, लेकिन और भी कई अहम कारण हैं जो वजन को बढ़ाते हैं। हॉर्मोनल बदलाव भी बढ़ते वजन की वजह हो सकते हैं। हॉर्मोनल इंबैलेंस और बढ़ता तनाव भी वजन बढ़ने का कारण बनता है। एस्ट्रोजेन स्विंग्स से होने वाली ब्लोटिंग और इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से वजन तेजी से बढ़ता है।
भारतीय योग गुरु, लेखक, शोधकर्ता और टीवी पर्सनालिटी डॉक्टर हंसा योगेंद्र के मुताबिक कुछ लोग ऐसे है जो हेल्दी डाइट का सेवन करते हैं उसके बावजूद भी उनका पेट फूला हुआ रहता है, बॉडी में एनर्जी कम रहती है, मूड स्विंग होता है और वजन घटता नहीं है। ऐसी स्थिति में समस्या खाने में नहीं, बल्कि हॉर्मोन की फंक्शनिंग में होती है। एक्सपर्ट ने बताया हॉर्मोन्स को बैलेंस करने के लिए और वजन घटाने के लिए सिर्फ तीन छोटे-छोटे सीड्स को डाइट में शामिल कर आप अपने हॉर्मोन को नेचुरली बैलेंस कर सकते हैं और शरीर को फैट-बर्निंग मोड में ला सकते हैं। आइए जानते हैं ये तीन पावरफुल सीड्स कौन-से हैं जिन्हें रोज खाकर आसानी से वजन को कम किया जा सकता है।
अलसी के बीज का करें सेवन
अलसी के बीज को एस्ट्रोजेन बैलेंस और इनफ्लामेशन कंट्रोल करने में असरदार माना जाता है। इनमें पाए जाने वाले लाइग्नान्स नेचुरल फाइटोएस्ट्रोजेन की तरह काम करके एस्ट्रोजेन को बैलेंस करते हैं, चाहे वह कम हो या ज्यादा। ये महिलाओं में PCOS, मेनोपॉज और अनियमित पीरियड की समस्या में भी मददगार होते हैं। फ्लैक्स सीड्स में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड इनफ्लेमेशन कंट्रोल करते हैं, जिससे फैट तेजी से और आसानी से बर्न होता है। हाई फाइबर कंटेंट आपको लंबे समय तक फुल रखकर खाने की क्रेविंग्स घटाता है। अलसी के बीज का सेवन आप भूनकर रोज़ाना करें। 1 चम्मच अलसी के बीज को पीसकर स्मूदी, मट्ठा, सलाद या आटे में मिलाकर खाएं आपको फायदा होगा।
हेम्प सीड्स या भांग के बीज खाएं
भांग के बीज प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन को सपोर्ट करते हैं और मेटाबॉलिज्म बूस्ट करते हैं। इन सीड्स को खाने से बॉडी को एनर्जी मिलती है और बॉडी हेल्दी रहती है। इनमें मौजूद गामा-लिनोलेनिक एसिड (GLA) प्रोजेस्टेरोन को सपोर्ट करता है और PMS के असहज लक्षणों को कम करता है। ये एक कंप्लीट प्लांट प्रोटीन हैं, जो मसल्स को फ्यूल देकर मेटाबॉलिज्म को स्ट्रॉन्ग बनाता हैं। साथ ही इनमें मौजूद मैग्नीशियम शुगर क्रेविंग्स को कंट्रोल करता है जो वजन कंट्रोल करने में अहम किरदार निभाता है। आप भांग के बीज का सेवन दाल, उपमा और सलाद में डालकर करें। इन्हें चटनी के साथ भी खाया जा सकता है।
कलौंजी खाएं
कलौंजी एक ऐसा पावरफुल मसाला है जो इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाकर फैट स्टोरेज कम करता है। कलौंजी के छोटे-छोटे बीज में मौजूद थाइमोक्विनोन (TQ) इंसुलिन सेंसिटिविटी सुधारता है, जिससे शरीर कार्ब्स को बेहतर तरीके से हैंडल करता है और फैट स्टोरेज कम होता है। इसके एंटी-इनफ्लेमेटरी गुण तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल को कम करते हैं, जो पेट की चर्बी बढ़ने का बड़ा कारण है।
आधा चम्मच कलौंजी पाउडर को गर्म पानी और नींबू के साथ सुबह खाएं आपका पाचन दुरुस्त रहेगा और वजन कंट्रोल रहेगा। आप कलौंजी का सेवन आटे, कढ़ी, सब्जी या अचार में इस्तेमाल कर सकते है। ये तीनों सीड्स फैट स्टोरेज, मूड, एनर्जी और ब्लोटिंग तक पर असर डालते हैं। ये सस्ते हैं, आसानी से स्टोर किए जा सकते हैं और भारतीय भोजन में आसानी से शामिल हो जाते हैं, बिना किसी बड़ी डाइट चेंज के।
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