बढ़ते वजन से परेशान लोगों के लिए मोटापा कम करने वाली दवाएं Ozempic, Wegovy और Mounjaro डूबते को सहारा देने जैसी साबित हो रही है। इन दवाओं का इस्तेमाल वजन घटाने और टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल करने में किया जाता है। लेकिन कुछ नई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि वजन घटाने वाली ये ब्लॉकबस्टर दवाएं आंखों से जुड़ी परेशानियां पैदा कर सकती हैं। ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में 40 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जिनमें कुछ मरीजों को स्थायी दृष्टि हानि हुई है। Harvard के शोधकर्ताओं के मुताबिक semaglutide लेने वालों में NAION का खतरा 4 से 7 गुना ज्यादा हो सकता है। कुछ मरीजों में इन दवाओं के सेवन के बाद अचानक ब्लाइंडनेस की शिकायतें सामने आई हैं।

JAMA Network Open में प्रकाशित दो हालिया शोधों ने दवाओं के आंखों से संबंध की पुष्टि की है। रिपोर्ट के मुताबिक semaglutide और tirzepatide दवाओं के उपयोग से कुछ आंखों की बीमारियों के जोखिम में वृद्धि देखी गई है। Semaglutide एक GLP-1 (ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1) एनालॉग है, जो शरीर में मौजूद प्राकृतिक GLP-1 हार्मोन की तरह काम करता है।

यह ब्लड शुगर और भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसका उपयोग टाइप 2 डायबिटीज़ के इलाज में और अधिक मात्रा में वजन घटाने के लिए किया जाता है। Tirzepatide GLP-1 और GIP (ग्लूकोज़-डिपेंडेंट इंसुलिन ट्रॉपिक पोलिपेप्टाइड) दोनों हार्मोन की नकल करता है, जिससे पैंक्रियास से इंसुलिन का स्राव होता है और ब्लड शुगर व वजन को कंट्रोल किया जाता है।

वजन घटाने की दवाओं से आंखों के कौन से रोग हो सकते हैं?

रिसर्च के मुताबिक वजन घटाने वाली इन दवाओं का सेवन करने से डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) का खतरा बढ़ सकता है। जब लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर रेटिना की नाज़ुक रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे दृष्टि धुंधली हो सकती है या इंसान हमेशा के लिए अंधा भी हो सकता है।

NAION (Non-arteritic Anterior Ischemic Optic Neuropathy) एक ऐसी स्थिति जिसमें ऑप्टिक नर्व को रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है और इससे अचानक, बिना दर्द के दृष्टि हानि हो सकती है।

शोध क्या कहते हैं?

JAMA Network Open में प्रकाशित दो हालिया अध्ययनों ने GLP-1 दवाओं जैसे सेमाग्लूटाइड और टिरज़ेपाटाइड और नेत्र संबंधी जोखिमों के बीच संभावित संबंध का विश्लेषण किया। दो हालिया स्टडीज में पाया गया कि टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीजों में GLP-1 दवाएं जैसे सेमाग्लूटाइड, टिरज़ेपाटाइड लेने वालों को NAION और डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा थोड़ा बढ़ सकता है। हालांकि अच्छी बात यह रही कि इन दवाओं से पूर्ण अंधापन और गंभीर रेटिनोपैथी जटिलताओं का जोखिम कम हुआ। रोगियों को सर्जरी या लेज़र इलाज की जरूरत भी कम पड़ी। दूसरी स्टडी में पाया गया कि ताकतवर GLP-1 दवाएं लेने वालों में ऑप्टिक नर्व से जुड़ी समस्याएं अन्य दवाओं की तुलना में थोड़ी अधिक थीं, लेकिन मामले दुर्लभ रहे।

पहली रिसर्च में टाइप 2 डायबिटीज़ से ग्रस्त मरीजों पर फोकस किया गया, जो GLP-1 दवाएं जैसे डुलाग्लूटाइड, लिराग्लूटाइड ले रहे थे। दो वर्षों की निगरानी में पाया गया कि मरीजों में डायबिटिक रेटिनोपैथी और NAION (आंख की नसों में रक्त प्रवाह रुकने से होने वाली अचानक दृष्टि हानि) का थोड़ा अधिक जोखिम था।
दूसरी र रिसर्च के मुताबिक सेमाग्लूटाइड और टिरज़ेपाटाइड जैसी ताकतवर GLP-1 दवाएं लेने वालों की तुलना पुरानी GLP-1 दवाओं का सेवन करने वालों से की गई जिसमें NAION और ऑप्टिक नर्व से जुड़ी समस्याओं के मामूली अधिक मामले सामने आए।

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