वर्तमान समय में खराब जीवन-शैली, अस्वस्थ खानपान और कोई शारिरिक गतिविधि न करने के कारण लोग फैटी लिवर की समस्या का शिकार हो जाते हैं। लिवर पर यूं तो थोड़ी बहुत वसा की मात्रा पहले से ही मौजूद होती है लेकिन जब लिवर अपने भार से 10 प्रतिशत फैटी हो जाता है तो इस स्थिति को फैटी लिवर कहा जाता है। लिवर शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह खून को फिल्टर कर विषाक्त पदार्थों को दूर करने, खाना पचाने और एनर्जी स्टोरी करने में मदद करता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स लिवर को एक स्वस्थ शरीर का पावरहाउस मानते हैं। फैटी लिवर की समस्या में या तो लिवर सिकुड़ जाता है या फिर उस पर वसा की मात्रा अधिक हो जाती है, जिसके कारण वह अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर पाता। एक शोध के मुताबिक आज लगभग 25 प्रतिशत लोग फैटी लिवर की बीमारी से जूझ रहे हैं। वैसे तो फैटी लिवर के लक्षण जल्दी से सामने नहीं आते लेकिन अगर आपको सुबह उठकर थकान या फिर पेट के दाहिने हिस्से में दर्द महसूस हो रहा है तो यह फैटी लिवर के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
फैटी लिवर के अन्य लक्षण: फैटी लिवर से ग्रस्त लोगों को तेजी से वजन घटना, थकान, कमजोरी, भूख में कमी, पेट के दाहिने हिस्से में दर्द, सूजन, आंखों का रंग हल्का होना, भ्रम की स्थिति, खुजली और पेशाब का रंग गहरा होना जैसी समस्याएं होती हैं।
फैटी लिवर से निजात पाने के घरेलू उपाय:
एक्सरसाइज: हेल्थ एक्सपर्ट्स फैटी लिवर के मरीजों को नियमित तौर पर व्यायाम करने की सलाह देते हैं। आप हल्के व्यायामों से शुरुआत कर सकते हैं, बाद में धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ाएं। नियमित तौर पर एक्सरसाइज करने से लिवर पर जमा एक्स्ट्रा फैट धीरे-धीरे खत्म होने लगता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल लेवल, ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी समस्याओं में भी फायदा मिलता है।
मिल्क थिस्ल: यह एक तरह का पौधा है, जिसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधियां बनाने के लिए किया जाता है। मिल्क थिस्ल का यह पौधा लिवर और पित्ताशय के इलाज में मदद करता है। मिल्क थिस्ल में फ्लेवोनोइड कॉम्प्लेक्स होता है, जिसे सिलेमारिन कहते हैं। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करता है। साथ ही लिवर को होने वाले नुकसान से बचाता है।