विटामिन D हड्डियों को मजबूत रखने और इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करने के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। यह शरीर को कैल्शियम अवशोषित करने में मदद करता है।  हड्डियों को मजबूत और घना बनाने के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी है। विटामिन डी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की हड्डियों को मजबूत करता है। इसका सेवन करने से हड्डियों के जल्दी टूटने का डर नहीं रहता। नॉनवेज फूड जैसे सैल्मन,सार्डिन,मैकेरल,टूना जैसी मछलियों में विटामिन D भरपूर मात्रा में होता है। फोर्टिफाइड दूध,फोर्टिफाइड दही, फोर्टिफाइड ऑरेंज जूस, फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सीरियल, वेजिटेरियन लोगों के लिए विटामिन डी के बेहतरीन स्रोत हैं। अंडे की जर्दी में विटामिन D की थोड़ी लेकिन महत्वपूर्ण मात्रा पाई जाती है।

कुछ लोग बॉडी में इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट का सहारा लेते हैं। विटामिन डी सप्लीमेंट का डॉक्टर की सलाह के मुताबिक सीमित सेवन करना ठीक है लेकिन कुछ लोग इस सप्लीमेंट का सेवन खाने की तरह करते हैं, आसान शब्दों में कहें तो विटामिन डी का ओवरडोज लेते हैं जो उनकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। डॉक्टर की सलाह के बिना लंबे समय तक अधिक मात्रा में विटामिन D लेने से Hypervitaminosis-D यानी ओवरडोज़ का जोखिम बढ़ जाता है।

सबसे बड़ा खतरा हाइपरकैल्सीमिया से होता है जब खून में कैल्शियम की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ जाती है। किडनी को इस अतिरिक्त कैल्शियम को फ़िल्टर करने में अत्यधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे कैल्शियम किडनी टिश्यू में जमने लगता है। इस स्थिति को नेफ्रो कैल्सीनोसिस कहा जाता है, जो धीरे-धीरे किडनी को नुकसान पहुंचा कर Acute Kidney Injury या स्थायी किडनी फेलियर तक का कारण बन सकती है।

Journal of Renal Injury Prevention में प्रकाशित एक केस स्टडी के अनुसार विटामिन D का ओवरडोज़ न सिर्फ स्वयं लिए गए सप्लिमेंट्स के कारण, बल्कि गलत प्रिस्क्रिप्शन और गलत खुराक देने की भूल से भी हो सकता है। ओवरडोज के शुरुआती लक्षण अक्सर सामान्य होते हैं, जिसके कारण पहचान में देरी हो जाती है। आइए जानते हैं कि विटामिन डी का ओवरडोज लेने पर बॉडी में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।

विटामिन D ओवरडोज़ के 6 प्रमुख लक्षण

मितली और उल्टी होना

बॉडी की जरूरत से ज्यादा विटामिन डी का सेवन आपके पाचन को बिगाड़ सकता है। इसका ज्यादा सेवन मतली और उल्टी का कारण बनता है। खून में कैल्शियम बढ़ने से स्टमक इरिटेशन हो सकता है।

बार-बार पेशाब आना और ज्यादा प्यास लगना

कैल्शियम का ओवरडोज लेंगे तो आपको बार-बार यूरिन डिस्चार्ज हो सकता है और बार-बार प्यास लग सकती है। किडनी की ओवरलोड फिल्ट्रेशन वजह आपको ज्यादा पेशाब और प्यास लग सकती है।

मांसपेशियों में कमजोरी और थकान हो सकती है

कैल्शियम का असर मसल फंक्शन पर पड़ता है जिससे मांसपेशियों में कमजोरी और थकान हो सकती है।

कन्फ्यूजन या ध्यान केंद्र करने में कमी

कैल्शियम का ओवर डोज नर्वस सिस्टम में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन कर सकता है जिससे आपको भ्रम जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।

पीठ या साइड में दर्द

विटामिन डी का ओवरडोज किडनी स्टोन या किडनी स्ट्रेस के संकेत हो सकता है इसलिए इसके ओवर डोज के लक्षणों को तुरंत पहचानें।

पैरों में सूजन और सांस लेने में परेशानी

विटामिन डी का ज्यादा सेवन पैरों में सूजन और सांस लेने में परेशानी पैदा कर सकता है। ये लक्षण किडनी फेलियर की गंभीर चेतावनी हो सकती है।

वयस्कों को कितनी मात्रा में चाहिए विटामिन D?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार आमतौर पर वयस्कों को प्रतिदिन 400–1,000 IU की ही जरूरत होती है। 4,000 IU से ऊपर की मात्रा लगातार लेने से ओवरडोज का खतरा बढ़ जाता है, खासकर उन लोगों में जो गलती से 60,000 IU वाली कैप्सूल को रोजाना ले लेते हैं, जबकि वह हफ्ते में एक बार के लिए होती है।

ओवरडोज़ से कैसे बचें?

  • डॉक्टर की सलाह के बिना सप्लीमेंट न लें।
  • मल्टीविटामिन और अन्य दवाइयों में विटामिन D की डबल मात्रा न हो, यह जरूर जांचें।
  • लंबे समय तक सेवन करने वालों को नियमित रूप से विटामिन D और कैल्शियम स्तर की जांच करानी चाहिए।
  • विटामिन D स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, लेकिन इसकी जरूरत से ज्यादा मात्रा शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। सही डोज़, विशेषज्ञ की निगरानी और शुरुआती लक्षणों की पहचान किडनी को गंभीर नुकसान से बचा सकती है।

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