दिल को हेल्दी रखने के लिए संतुलित आहार, स्वस्थ जीवनशैली और तनाव पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है। दिल की बीमारियों की शुरुआत अक्सर क्रोनिक रोगों जैसे हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) और डायबिटीज की वजह से होती है। हाइपरटेंशन दिल की बीमारियों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है, लेकिन अब मेडिकल साइंस यह समझने में जुटी है कि कुछ पोषक तत्वों, खासकर विटामिन B12 की कमी, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग के खतरे को धीरे-धीरे बढ़ा सकती है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एकेडमिक मेडिसिन एंड फार्मेसी के अनुसार, जब शरीर में विटामिन B12 का स्तर कम होता है तो ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे समय के साथ दिल की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। ये संबंध हाइपरटेंशन की रोकथाम और उसके इलाज दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दुनियाभर में करोड़ों लोगों में विटामिन B12 की कमी पाई जाती है।
विटामिन बी 12 कहां से आता है?
विटामिन B12 बॉडी के लिए जरुरी विटामिन है जिसे हमारी बॉडी नहीं बनाती, ये हमें डाइट से मिलता है। ये विटामिन एनिमल बेस्ड प्रोडक्ट जैसे अंडे, दूध, मछली, पोल्ट्री और मांस में पाया जाता है। शाकाहारी और वेगन लोग बॉडी में विटामिन बी 12 के स्तर को बनाए रखने के लिए फोर्टिफाइड फूड्स (Fortified Foods) का सेवन कर सकते हैं। जिन लोगों को B12 अवशोषित करने में दिक्कत होती है वो इसका सप्लीमेंट या इंजेक्शन ले सकते हैं।
क्यों जरूरी है विटामिन B12
विटामिन B12 शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) के निर्माण, तंत्रिका तंत्र (Nervous System) के सही कार्य और डीएनए के संश्लेषण (DNA Synthesis) के लिए आवश्यक है। इन कार्यों के अलावा, यह होमोसिस्टीन (Homocysteine) नामक रक्त अमीनो एसिड को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। जब शरीर में होमोसिस्टीन का स्तर बढ़ जाता है, तो यह हाइपरटेंशन, स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसे गंभीर जोखिमों का कारण बन सकता है।
विटामिन B12 की कमी और दिल की सेहत के बीच संबंध
जब शरीर में B12 का स्तर कम होता है, तो शरीर होमोसिस्टीन को उपयोगी यौगिकों में बदलने में असमर्थ हो जाता है। बढ़ा हुआ होमोसिस्टीन रक्त वाहिकाओं के लिए ज़हरीला होता है। यह उन्हें कठोर और कम लचीला बना देता है। इससे सूजन (Inflammation) होती है और धमनियों की अंदरूनी परत (Arteries’ inner lining) को नुकसान पहुंचता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) यानी प्लाक का जमाव तेज़ी से बढ़ता है।
बढ़ा हुआ होमोसिस्टीन रक्त के थक्के (Blood Clots) बनने की संभावना भी बढ़ा देता है, जिससे दिल का दौरा (Heart Attack) और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। विटामिन B12 का फोलेट (Folate) और विटामिन B6 के साथ घनिष्ठ संबंध होता है। ये तीनों मिलकर होमोसिस्टीन के स्तर को कंट्रोल रखते हैं। इनमें से किसी एक की कमी भी रक्त वाहिकाओं पर तनाव बढ़ाती है और ब्लड प्रेशर को ऊपर ले जाती है, जिससे एक विकराल चक्र (vicious cycle) बन जाता है।
विटामिन बी 12 की कमी कैसे बॉडी पर करती है असर
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरंजीत चटर्जी ने बताया B12 की कमी तंत्रिका कार्य (Nerve Function) को भी प्रभावित करती है, जिनमें वो नर्व्स शामिल हैं जो दिल की धड़कन और रक्त वाहिकाओं के टोन को कंट्रोल करते हैं। इस असंतुलन के कारण ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव या गंभीर स्थिति में लगातार हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है।
गंभीर B12 की कमी से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया (Megaloblastic Anemia) नामक स्थिति हो सकती है, जिसमें रक्त की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता घट जाती है। इसकी भरपाई करने के लिए दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे लंबे समय में ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
बॉडी में विटामिन बी 12 का स्तर कितना होना नॉर्मल है ?
सामान्य विटामिन B12 स्तर 200 से 900 पिकोग्राम प्रति मिलीलीटर (pg/mL) के बीच होता है।
200 pg/mL से कम स्तर को कमी (Deficiency) माना जाता है।
200 से 300 pg/mL के बीच के स्तर को बॉर्डरलाइन स्थिति कहा जा सकता है।
50 की उम्र पार कर चुकी महिलाएं Magnesium को बनाएं अपनी डाइट का हिस्सा, बढ़ती उम्र में भी रहेंगी जवान, दिखेंगे शरीर में ये 5 बदलाव। पूरी जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें।