Uric Acid Remedies: शरीर में मौजूद प्यूरीन नाम के प्रोटीन के ब्रेकडाउन से यूरिक एसिड वेस्ट प्रोडक्ट के रूप में निकलता है। हेल्दी बॉडी में किडनी में ब्लड के जरिये ये एसिड पहुंचता है और पेशाब के मार्ग से बाहर निकल जाता है। मगर हाई यूरिक एसिड के मरीजों की किडनी सुचारू रूप से टॉक्सिक पदार्थों को फिल्टर करने में असमर्थ हो जाती है। एक अध्ययन के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति के खून में यूरिक एसिड का स्तर अधिक बढ़ जाता है तो उससे मरीज की उम्र 11 साल तक कम हो जाती है। ऐसे में इसे कंट्रोल करना बहुत जरूरी है।

हल्दी यूरिक एसिड पर रखता है काबू: यूरिक एसिड पर नियंत्रण करने में हल्दी भी कारगर साबित होता है। रसोई के इस मसाले में करक्यूमिन नामक एक तत्व होता है जो यूरिक एसिड कंट्रोल करने में सहायक होता है। यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा होने पर गाउट जैसी बीमारी से पीड़ित होने का खतरा रहता है। इन परेशानियों को कम करने में भी हल्दी का इस्तेमाल मददगार हो सकता है।

जोड़ों के दर्द को कम करता है: हाइपरयूरिसेमिया से ग्रस्त लोगों को जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन जैसी परेशानी हो सकती है। 2016 में हुए एक शोध के अनुसार जोड़ों के दर्द, गठिया व गाउट की समस्या के इलाज में कर्क्यूमिन असरदार है। वहीं, 2013 के एक शोध की मानें तो करक्यूमिन में फ्लेक्सोफिटॉल नामक तत्व पाया जाता है जो पैरों की सूजन को कम करने में कारगर सिद्ध होता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यूरिक एसिड पर काबू पाने के लिए लोग हल्दी का इस्तेमाल कई तरीकों से कर सकते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से –

हल्दी वाला दूध: विशेषज्ञों के अनुसार शरीर को सेहतमंद रखने में ये पेय औषधि के समान है। उनके मुताबिक रोजाना रात को सोने से पहले हल्दी दूध पीने से पैरों में आई सूजन कम हो सकती है। साथ ही, जोड़ों का दर्द कम करने में भी इस ड्रिंक को मददगार माना जाता है। ऐसे में हल्दी के साथ खाने में चुटकी भर काली मिर्च का भी इस्तेमाल करें।

इन तरीकों से करें सेवन: गठिया के कारण होने वाली सभी परेशानियों को दूर करने में हल्दी में मौजूद तत्व करक्यूमिन की कैप्सूल भी मददगार साबित होती है। हालांकि, इस सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। इसके अलावा, हल्दी वाली चाय पीने से भी फायदा होगा।

लेप लगाने से भी होगा आराम: विशेषज्ञों के मुताबिक हल्दी का पेस्ट बनाकर दर्द वाले जगह पर लगाने से राहत मिलती है। हल्दी में जरा सा पानी मिलाकर उसे पीस लें और मिश्रण बना लें। अब इस मिश्रण को दर्द से प्रभावित हिस्से में लगाएं।