आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में खराब खानपान, तनाव और अनहेल्दी लाइफस्टाइल का असर शरीर पर जल्दी दिखने लगा है। पहले जो बीमारियां उम्र बढ़ने के साथ होती थीं, अब वही समस्याएं कम उम्र में ही सामने आ रही हैं। खासतौर पर पुरुषों में पेशाब से जुड़ी दिक्कतें तेजी से बढ़ रही हैं। किसी को बार-बार पेशाब लगता है, किसी को पेशाब की धार कमजोर लगती है, तो किसी को पेशाब करने के बाद भी कुछ बूंदें टपकने की समस्या होती है। ज्यादातर पुरुष इसे उम्र का असर मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक यह लापरवाही भारी पड़ सकती है।

क्या है पेशाब के बाद बूंदें टपकने की समस्या?

जयपुर स्थित मणिपाल हॉस्पिटल के एचओडी, यूरोलॉजी, डॉ. डी. आर. धवन के अनुसार, पेशाब करने के बाद अगर कुछ बूंदें अपने आप निकलती रहती हैं, तो इसे मेडिकल भाषा में पोस्ट-वॉइड ड्रिब्लिंग कहा जाता है। यह समस्या बढ़ती उम्र में आम है, लेकिन अगर यह लगातार बनी रहे, तो इसके पीछे प्रोस्टेट या मूत्रमार्ग से जुड़ी बीमारी हो सकती है।

प्रोस्टेट बढ़ने से क्यों होती है परेशानी?

कई मामलों में यह समस्या बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया (BPH) के कारण होती है। इस बीमारी में प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ़ने लगता है, जिससे पेशाब की नली दब जाती है। नतीजतन पेशाब ठीक से साफ नहीं हो पाता और बाद में बूंदें टपकती रहती हैं। लोंगिट्यूडनल एजिंग स्टडी इन इंडिया के मुताबिक, 45 साल से ज्यादा उम्र के करीब 1.49 प्रतिशत पुरुष BPH से पीड़ित हैं। इस स्टडी में यह भी सामने आया है कि BPH का संबंध डिप्रेशन से भी हो सकता है।

कमजोर पेल्विक फ्लोर मसल्स भी बन सकती हैं कारण

पेल्विक फ्लोर मसल्स मूत्राशय और पेशाब को कंट्रोल करने का काम करती हैं। जब ये मसल्स कमजोर हो जाती हैं, तो पेशाब के बाद बूंदें निकलने लगती हैं। यह समस्या उन पुरुषों में ज्यादा देखी जाती है जो लंबे समय तक बैठे रहते हैं, फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते या उम्र के साथ मसल्स कमजोर हो जाती हैं।

इन लक्षणों को बिल्कुल न करें नजरअंदाज

अगर पेशाब के बाद बूंदें टपकने के साथ-साथ बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते समय दर्द या जलन, मूत्र से बदबू आना, कमजोरी या थकान जैसी समस्याएं भी हों, तो यह यूटीआई, प्रोस्टेटाइटिस या ब्लैडर डिसफंक्शन का संकेत हो सकता है। समय पर इलाज न कराने पर इसका असर किडनी तक पहुंच सकता है।

कैसे करें बचाव और इलाज?

इस समस्या से राहत पाने के लिए पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (केगल एक्सरसाइज) बहुत फायदेमंद होती है। ये एक्सरसाइज पेशाब को रोकने वाली मांसपेशियों को मजबूत करती हैं। इसके अलावा पेशाब करते समय जल्दबाजी न करें। पेशाब खत्म होने के बाद कुछ सेकंड रुकें और हल्का सा आगे झुकें, ताकि ब्लैडर पूरी तरह खाली हो जाए।

पानी पीना भी है बेहद जरूरी

कम पानी पीने से मूत्र गाढ़ा हो जाता है, जिससे संक्रमण और जलन का खतरा बढ़ता है। दिनभर में कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी जरूर पिएं।

निष्कर्ष

पेशाब के बाद बूंदें टपकना कोई छोटी बात नहीं है। इसे उम्र का असर मानकर नजरअंदाज करना भविष्य में बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। समय रहते डॉक्टर से सलाह, सही एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल में सुधार से इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

डिस्क्लेमर

यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

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