मूत्र पथ का संक्रमण यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) खासकर महिलाओं में होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है। कई बार पब्लिक वॉशरूम इस्तेमाल करने, शरीर में पानी की कमी या अन्य कारणों के चलते महिलाओं को पेशाब में जलन, खुजली, सफेद पानी, पेशाब टपकना, बार-बार पेशाब आने जैसा महसूस होना आदि समस्याओं से जूझना पड़ता है। बता दें कि ये सभी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के अहम लक्षणों में से हैं। इस तरह की स्थिति में हमेशा असहजता का एहसास तो परेशान करता ही है, साथ कई बार घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है।
वहीं, अगर आप भी इस तरह की स्थिति से गुजर रही हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। यहां हम आपको कुछ खास टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप यूटीआई से काफी हद तक राहत पा सकती हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में-
टिप नंबर 1- हाइड्रेटेड रहें
हाइड्रेटेड रहना न केवल समग्र स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि ये आपके मूत्र पथ से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में भी मदद कर सकता है। ऐसे में शरीर में पानी की कमी न होने दें। दिन भर में कम से कम 7 से 8 गिलास पानी जरूर पिएं। इससे अलग छाछ, नारियल पानी आदि चीजों का भी सेवन करें।
टिप नंबर 2- विटामिन सी से भरपूर चीजें खाएं
कई हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि यूटीआई की स्थिति में विटामिन सी का सेवन बेहद फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, विटामिन-सी मूत्र की अम्लता को बढ़ा देता है, जिससे संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया मर जाते हैं और आपको राहत मिलती है। साल 2007 में गर्भवती महिलाओं में यूटीआई को लेकर किए एक अध्ययन की रिपोर्ट्स में देखा गया है कि रोजाना 100 मिलीग्राम विटामिन-सी का सेवन करने से महिलाओं को काफी हद तक राहत मिल सकती है। ऐसे में विटामिन सी से भरपूर चीजें जैसे संतरे, मौसंबी, नींबू, ग्रेपफ्रूट, अंगूर, आदि का सेवन करें।
टिप नंबर 3- क्रैनबेरी का जूस
आयु्र्वेद में यूटीआई से पीड़ित महिलाओं के लिए क्रैनबेरी का जूस बेहद फायदेमंद माना गया है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बिना चीनी वाला क्रैनबेरी जूस पीने या क्रैनबेरी सप्लीमेंट लेने से मूत्र पथ में बैक्टीरिया की संख्या को कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। ऐसे में आप नियमित तौर पर क्रैनबेरी का जूस पी सकती हैं।
टिप नंबर 4- प्रोबायोटिक्स
प्रोबायोटिक्स से भरपूर फूड्स का सेवन करने से यूटीआई की समस्या से काफी हद तक राहत मिल सकती है। दरअसल, प्रोबायोटिक्स जैसे दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया आपके पेट और मूत्र पथ में सूक्ष्मजीवों यानी माइक्रोऑर्गेनिज्म के स्वस्थ संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जिससे भी आपको यूटीआई की स्थिति से राहत मिल सकती है।
टिप नंबर 5- हाइजीन
इन सब से अलग यूटीआई को रोकने के लिए हाइजीन सबसे अधिक जरूरी है। हाइजीन की कमी परेशानी को अधिक बढ़ा सकती है। ऐसे में हर बार बाथरूम का उपयोग करने (पेशाब या मल त्याग करने के बाद) हल्के गुनगुने पानी से योनि और मलपथ की सफाई करें। आर्टिफिशल और हाई पीएच वाले प्रॉडक्ट का इस्तेमाल करने से बचें। पसीने और डिस्चार्ज से बचने के लिए दिन में दो से तीन बार अंडरवियर बदलें और ढीली सूती कपड़े की अंडरवियर पहनें। इन सब से अलग टाइट कपड़े पहनने से बचें। इससे आपको जल्द राहत मिलेगी।
हालांकि, इन तमाम तरीकों को अपनाने के साथ-साथ इस तरह की स्थिति में हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह लेना भी बेहद जरूरी है।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।