Uric Acid हमारी बॉडी में मौजूद एक प्रकार का केमिकल होता है। ये प्यूरीन नाम के प्रोटीन के टूटने से बनता है। एक नॉर्मल प्रोसेस के तहत किडनी इसे हमारे शरीर से निकालकर बाहर कर देती है। लेकिन कई स्थिति में ऐसा भी देखा जाता है कि किडनी ऐसा करने में सक्षम नहीं होती है क्योंकि कई बार ये बहुत अधिक मात्रा में हमारे शरीर में एकत्रित हो जाता है और क्रिस्टल की शक्ल में ब्लड में बिखर जाता है।

लक्षण: ब्लड से होकर पहले ये हमारे छोटो जोड़ों में जमना शुरू होता है, लेकिन अनदेखी करने के बाद ये बड़े जोड़ों में भी जमना शुरू हो जाता है। इसके बाद जोड़ों में असहनीय दर्द होना शुरू हो जाता है। अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया जाए तो ये गाउट की शक्ल ले लेता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो ये अक्सर सुबह के समय ज्यादा बढ़ जाता है। यही वजह है कि कई बार यूरिक एसिड के कारण सुबह के समय जोड़ों में ज्यादा दर्द, जलन या सूजन आ जाती है।

इलाज: आयुर्वेदिक डॉक्टर प्रदीप कुमार चौहान की मानें तो आपको यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले खट्टा छोड़ देना चाहिए। इसके अलावा मांसाहारी हैं तो तुरंत रेड मीट छोड़ दें। अगर रेड मीट छोड़ने के बाद भी आराम न मिलें तो किसी भी प्रकार के मांस का सेवन कुछ दिनों के लिए न करें। अगर चाहें तो सी-फूड का सेवन कर सकते हैं। लेकिन ये भी आपको देखना होगा कि आपकी बॉडी ऐसा कर पा रही है या नहीं।

प्रोटीन का सेवन नहीं करना चाहिए: यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए आपको दालों का सेवन कम करना चाहिए। अगर आपको दाल खाने का मन हो भी रहा है तो आप दाल का पानी पी सकते हैं। लेकिन याद रहे कि दाल के पानी में दाल नहीं होनी चाहिए। दूसरा, पनीर और नींबू का सेवन भी नहीं करना चाहिए। ये तो आप बिल्कुल कर लें कि खटास तो छोड़नी ही होगी। वर्कआउट पर भी आप ध्यान दे सकते हैं, अगर हमारी बॉडी एक ही दिशा में लगातार काम करती है और लंबे समय तक बैठने का काम है तो शरीर में यूरिक एसिड प्रोड्यूस होना शुरू हो जाता है। इसलिए रोज़ाना वॉक या दौड़ लगा सकते हैं।